जिस चाची रामदत्ती ने मनमोहन सिंह को पाला, दून में रहता उनका परिवार, एलबम में कई यादें सुरक्षित

देहरादून: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दून से गहरा नाता था। उनके भाई हरभजन सिंह कोहली का पूरा परिवार देहरादून के रेसकोर्स रोड पर रहता है, इस नाते उनका दून से विशेष लगाव करते थे। बचपन के दिनों में मनमोहन सिंह अपने भाई हरभजन के साथ साइकिल चलाते और फुटबाल खेला करते थे, जब भी वह अपने भाई से मिलते तो बचपन की उन्हीं यादों का जिक्र कर आनंदित हुआ करते थे।

पूर्व पीएम की कई यादें उनके भतीजे हरमीत के एलबम में सुरक्षित हैं। पूर्व पीएम का अपने भाई हरभजन सिंह कोहली से विशेष लगाव था। दरअसल, पूर्व पीएम की मां का बचपन में ही निधन हो गया था, तब हरभजन सिंह की मां यानी कि चाची रामदत्ती कौर ने ही मनमोहन सिंह का पालन-पोषण किया।

सेहत के चलते नहीं आ सके देहरादून
इस कारण अपने भाई और भतीजों से मनमोहन सिंह को विशेष प्रेम था। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री के भाई हरभजन सिंह का निधन छह साल पूर्व हो चुका है, लेकिन भतीजे हरमीत अपने परिवार के साथ देहरादून में रेसकोर्स रोड पर बने मकान में रहते हैं। चाचा के निधन की सूचना के बाद हरमीत के परिवार में शोक की लहर है। परिवार के सभी सदस्य रात में ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

हरमीत सिंह ने कई पुरानी यादों को साझा किया। बताया कि जैसे एक सामान्य परिवार में चाचा-भतीजों की बातचीत होती थी, ठीक वैसे ही उनकी अपने चाचा से बात होती थी। काफी समय से स्वास्थ्य खराब चलने के कारण अब अधिक बातचीत नहीं हो पाती थी। वर्ष 2018 में आखिरी बार वह स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पहुंचे थे, इसके बाद सेहत के चलते देहरादून नहीं आ सके।

घर के प्रत्येक सदस्य को नाम से जानते थे

हरमीत बताते हैं कि मनमोहन सिंह परिवार के हर सदस्य के बारे में पूरी जानकारी रखते थे, जब भी वह पीएम हाउस गए और परिवार में कोई नया सदस्य भी साथ गया, तो वह उसे नाम से पुकारते थे। घर के छोटे बच्चों के बारे में उन्हें पूरी जानकारी रहती थी।

खुद कुर्सी लेने चल देते थे पूर्व पीएम

पीएम हाउस में परिवार के सदस्यों का आना जाना लगा रहता था, हरमीत बताते हैं कि वह परिवार के सदस्यों का स्वागत सत्कार खुद करते थे। कई बार ऐसा हुआ कि परिवार के सात लोगों को जाने की अनुमति मिली, लेकिन नौ लोग पहुंच गए तो खुद पीएम अन्य सदस्यों के लिए कुर्सी लेने चल देते थे।

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