पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी, कई राज्यों में तुअर की खरीद शुरू
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केंद्र ने 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल जो 2025-26 तक एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एकीकृत पीएम-आशा योजना का उद्देश्य किसानों से खरीद करने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना है। यह किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और आवश्यक वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय नोडल एजेंसियों की ओर से पूर्व-पंजीकृत किसानों से एकीकृत पीएम-आशा योजना के तहत खरीदारी की जाती है। इसके तहत मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत, निर्धारित उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के आधार पर अधिसूचित दलहनों, तिलहनों और खोपरा की खरीद, राज्य स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से सीधे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद होती है।
सरकार ने पीएसएस के तहत 2024-25 खरीद वर्ष के लिए राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत के बराबर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दी है। बजट 2025 में सरकार ने यह भी घोषणा की है कि देश में दालों के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत तक तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद अगले चार वर्षों तक जारी रहेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए पीएसएस के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में कुल 13.22 लाख टन तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दे दी है।