निर्वासन के खिलाफ अपील करेगा इस्राइल विरोधी महमूद खलील, कोलंबिया विश्वविद्यालय में विरोध का मामला

बीते साल कोलंबिया विश्वविद्यालय में इस्राइल विरोधी और फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले महमूद खलील को निर्वासित करने का आदेश दे दिया गया है। अब महमूद खलील के वकील ने कहा है कि वे इस आदेश को चुनौती देंगे। संघीय अप्रवासन एजेंट्स ने बीते महीने महमूद खलील को हिरासत में लिया था। उल्लेखनीय है कि महमूद खलील अमेरिका का नागरिक है और उसकी पत्नी, जो गर्भवती है, वह भी अमेरिकी नागरिक है। हिरासत में लिए जाने के बाद महमूद खलील को कोलंबिया से हजारों मील दूर लुइसियाना के जेना में स्थित हिरासत केंद्र में रखा गया है।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में यहूदी विरोध प्रदर्शन का किया था नेतृत्व
खलील कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों का छात्र है। बीते साल जब कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुए तो महमूद खलील ने ही इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक ब्लॉक पर कब्जा कर लिया था। जिसके चलते खासा हंगामा हुआ था और पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी थी। प्रदर्शन के दौरान महमूद खलील ने अपना चेहरा नहीं छिपाया और मीडिया से भी बात की, जिससे वह ट्रंप प्रशासन के निशाने पर आ गया। व्हाइट हाउस ने महमूद खलील पर आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। हालांकि अभी तक ये साबित नहीं हुआ है। 8 मार्च को खलील को पुलिस ने यूनिवर्सिटी परिसर से ही हिरासत में लिया था।
खलील पर किसी कानून के उल्लंघन का नहीं आरोप
खलील पर किसी कानून के उल्लंघन का आरोप नहीं है। यही वजह है कि खलील के वकील ने उसे हिरासत में रखने के आदेश को चुनौती दी है। वकील का कहना है कि अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन में जो प्रावधान हैं, वे खलील के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। इसी आधार पर खलील के निर्वासन के आदेश को चुनौती देने की तैयारी है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि हमास समर्थक, यहूदी विरोधी विरोध प्रदर्शनों में शामिल गैर अमेरिकी नागरिकों को निर्वासित किया जाएगा। खलील के बाद कई छात्रों को निर्वासित कर भी दिया गया है।