भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने बनाया ये नया कानून , जानिए सबसे पहले

भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए शनिवार को एक नया क़ानून पारित किया है.

मुताबिक़ चीन का ये नया सीमा क़ानून अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाला है. भारत के साथ लगने वाली सीमा पर अप्रैल, 2020 से ही चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है.

वियतनाम और म्यांमार से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों की वजह से चीन के सामने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने की भी चुनौती है.

साथ ही तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर चीन लगातार नज़र बनाए हुए है. चीन को इस बात का डर है कि शिनजियांग प्रांत के वीगर मुसलमानों से ताल्लुक रखने वाले इस्लामी चरमपंथी सरहद पार कर उसकी तरफ़ आ सकते हैं.

हालांकि अभी इस बात को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं है कि इस क़ानून का सीमा सुरक्षा के इंतज़ाम के तौर तरीकों पर क्या असर पड़ेगा, लेकिन तमाम जानकार इस नए क़ानून को भारत-चीन सीमा विवाद से जोड़ कर ज़रूर देख रहे हैं.

माना जा रहा है कि ये पहला मौका है जब चीन ने सीमा सुरक्षा के प्रबंधन को लेकर कोई क़ानून पारित किया है. 14 देशों के साथ उसकी तकरीबन 22 हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.

इसमें से 12 देशों के साथ भूमि सीमा विवाद का निपटारा चीन कर चुका है. भूटान के साथ लगी 400 किलोमीटर की सीमा पर इसी साल 14 अक्टूबर को चीन ने सीमा विवाद के निपटारे के लिए थ्री-स्टेप रोडमैप के समझौते पर दस्तख़त किया है. ऐसे में भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसके साथ चीन का भूमि सीमा विवाद अब तक जारी है.

ये क़ानून ऐसे समय में आया है जब चीन का भारत के साथ पूर्वी लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यों में लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है. कमांडर स्तर की कई दौर की वार्ता के बावजूद पूर्वी लद्दाख में एक साल से भी ज़्यादा समय से बने गतिरोध का हल नहीं निकल पाया है.

चीन ने नए भूमि सीमा क़ानून में सीमा की रक्षा को ‘चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’ से जोड़ दिया है. हालांकि जानकारों का कहना है कि ज़रूरी नहीं है कि भूमि सीमा क़ानून, के बाद सीमा सुरक्षा के तरीक़ों में बदलाव करे, लेकिन ये अपनी सीमाओं को संभालने के चीन के बढ़ते आत्मविश्वास को दिखाता है.

क़ानून कहता है कि सीमा सुरक्षा को ख़तरा पैदा करने वाले किसी सैन्य टकराव या युद्ध की स्थिति में चीन अपनी सीमाएं बंद कर सकता है. इस क़ानून में सीमा से जुड़े इलाक़ों में ‘निर्माण कार्यों’ को बेहतर करने पर भी ध्यान दिया गया है.

नए क़ानून में सीमा के साथ साथ ‘सीमावर्ती इलाकों’ में निर्माण, कार्य संचालन में सुधार और निर्माण के लिए सहायक क्षमता में मज़बूती को भी शामिल किया गया है.

क़ानून कहता है कि सीमा से जुड़े इलाक़ों में चीन, सीमा सुरक्षा मज़बूत करने, आर्थिक और सामाजिक विकास में सहयोग, सार्वजनिक सेवाओं और आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए क़दम उठा सकता है.

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