अगले हफ्ते भारत आएंगे अमेरिका के NSA, द्विपक्षीय संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए करेंगे चर्चा
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन अगले हफ्ते भारत आएंगे। इस दौरान वह भारत-अमेरिका के रिश्तों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए अपने समकक्ष अजीत डोभाल और अन्य से मुलाकात करेंगे। वहीं, हिंद प्रशांत और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के सहयोग पर भी चर्चा होगी।
विनय क्वात्रा अमेरिकी दौरे पर
इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच हुए क्रिटिकल एंड इमर्जिंग तकनीक संबंधी समझौते पर हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी। बता दें, विदेश सचिव विनय क्वात्रा अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिलसिलेवार बैठकों और रक्षा एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों के साथ बातचीत के लिए अमेरिका गए हुए हैं।
इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए जाएंगे भारत
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया, ‘सुलिवन अगले हफ्ते भारत की यात्रा पर होंगे। दोनों देशों के बीच के रिश्तों का जश्न मनाने, हिंद प्रशांत क्षेत्र की तुलना करने और प्रौद्योगिकी सहयोग में अगले कदमों के बारे में बात करने के लिए सुलिवन भारत की यात्रा करेंगे। व्हाइट हाउस प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यात्रा की तारीख की घोषणा किए बिना कहा, ‘हमारा मानना है कि ये सभी अमेरिका-भारत संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए अहम होगा।’
इस दिन पहुंचेंगे दिल्ली
हालांकि, एक रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि जैक सुलिवन 17 अप्रैल को दिल्ली पहुंचेंगे और 18 अप्रैल को उनकी बैठक होगी। जैक सुलिवन पहले इस साल फरवरी में भारत आने वाले थे, लेकिन यक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में उभरे संकट की वजह से वह दौरा स्थगित हो गया था। मई 2022 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच आईसीईटी समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश उभरती हुई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करेंगे।
सबसे अधिक गर्व
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से पूछा गया था कि अमेरिका पूर्वी एशिया में संधि सहयोगियों के साथ मजबूत होती सैन्य, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी के संदर्भ में भारत के बारे में क्या सोच रहा है और क्या अमेरिका भारत को इस नेटवर्क के हिस्से के रूप में देखता है। इस पर अधिकारी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि आप राष्ट्रपति से पूछें, तो एक चीज जिस पर उन्हें सबसे अधिक गर्व है, वह है अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंध बनाने के उनके प्रयास। मेरा मानना है कि हिंद-प्रशांत एवं हिंद महासागर तथा प्रौद्योगिकी जैसे अहम मुद्दों पर अमेरिका और भारत पहले से कहीं अधिक एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं।