अमेरिका ने व्यापार में चीन को छोड़ा पीछे, पहली छमाही में बना भारत का पार्टनर नंबर-वन

अमेरिका ने व्यापार के मामले में एक बार फिर से चीन को पीछे छोड़ दिया है. चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भगीदार बनकर उभरा है. हालांकि इस दौरान भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार भी साल भर पहले की तुलना में कम हुआ है.

इतना रह गया आपसी व्यापार

वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 59.67 अरब डॉलर रहा है. यह साल भर पहले की समान अवधि में यानी अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान 67.28 अरब डॉलर रहा थाँ मतलब साल भर पहले की तुलना में भारत और अमेरिका का आपसी व्यापार 11.3 फीसदी कम हुआ है.

निर्यात में भी आ गई कमी

आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में अमेरिका को निर्यात घटकर 38.28 अरब डॉलर हो गया. यह पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 41.49 अरब डॉलर रहा था. दूसरी ओर इस दौरान अमेरिका से आयात साल भर पहले के 25.79 अरब डॉलर से कम होकर 21.39 अरब डॉलर रह गया.

चीन के साथ इतना कम हुआ व्यापार

ठीक इसी अवधि में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 58.11 अरब डॉलर रहा. यह साल भर पहले की तुलना में 3.56 फीसदी कम है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत से चीन को निर्यात मामूली रूप से घटकर 7.74 अरब डॉलर रह गया. यह एक साल पहले समान अवधि में 7.84 अरब डॉलर रहा था. इस दौरान चीन से आयात भी साल भर पहले के 52.42 अरब डॉलर से घटकर 50.47 अरब डॉलर पर आ गया.

आने वाले समय में बढ़ेगा व्यापार

वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण भारत और अमेरिका के बीच निर्यात व आयात में गिरावट आ रही है, लेकिन जल्दी ही इस ट्रेंड में बदलाव आने की उम्मीद है. एजेंसी ने एक्सपर्ट के हवाले से बताया है कि आने वाले सालों में अमेरिका के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार के बढ़ने का रुझान जारी रहेगा, क्योंकि दोनों देश आपसी आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

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