‘जल संकट के लिए हरियाणा के टैंकर माफिया जिम्मेदार’, ‘आप’ का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा
नई दिल्ली: दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी का संकट बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। पानी के केवल एक-दो टैंकर पर पूरी कॉलोनी को निर्भर रहना पड़ रहा है। इस स्थिति का कोई स्थायी उपाय निकालने की बजाय राजनीतिक दल एक बार फिर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस बीच सर्वोच्च न्यायालय में चली जल संकट पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली में जल संकट के लिए टैंकर माफिया जिम्मेदार हैं। लेकिन वे पड़ोसी राज्य हरियाणा से आते हैं, लिहाजा वह इन पर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है।
दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया है कि हर साल 437.5 किलोमीटर पुरानी जल पाइप लाइनों को बदलकर पानी की बर्बादी रोकने की कोशिश की जा रही है, पानी की सप्लाई और मांग की लगभग रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है और पुराने मीटरों को भी बदला जा रहा है। लेकिन अन्य राज्यों में भी पानी की सप्लाई में कमोबेश इतने ही पानी की बर्बादी हो जाती है। सरकार ने कहा कि जल संकट के समय एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है। इस स्थिति में सबको मिलजुलकर काम करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी नेता ही चला रहे टैंकर गैंग- भाजपा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के विधायक-नेता ही अवैध टैंकर चलाने के अवैध कारोबार में लिप्त हैं। इसी कारण दिल्ली का जल संकट जानबूझकर हल नहीं किया जा रहा है, जिससे इन माफियाओं को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि पालम की एक आम आदमी पार्टी वार्ड अध्यक्ष अपर्णा विधायक भावना गौड़ के कार्यालय की प्रभारी हैं। उनके पति महेश कुमार के नाम पर अनेक टैंकरों के नंबर पंजीकृत हैं। उनका आरोप है कि आप नेता की सांठगांठ से इस क्षेत्र में टैंकर चलाए जा रहे हैं।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि इसी तरह आम आदमी पार्टी के पालम विधानसभा अध्यक्ष संदीप चौधरी के नाम पर भी दो टैंकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच हो, तो ऐसे और भी दर्जनों मामले सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जल समस्या आम आदमी पार्टी को लोगों के लिये खड़ी की गई है।
पानी की कमी, लेकिन बाढ़ से बचने के उपाय जारी
केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि बारिश में यमुना में पानी आने के बाद बाढ़ की स्थिति बन जाती है। बाढ़ से बचने के लिए अभी से उपाय किए जा रहे हैं। यमुना के बंद गेट खोले जा रहे हैं, जिससे सिल्ट बहकर आगे चली जाए और बाढ़ की स्थिति पैदा न हो।
स्थाई उपाय कैसे हो
शहरी मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यमुना में आ रहे पानी का उचित प्रबंधन किया जाए, तो दिल्ली के जल संकट को कम किया जा सकता है। इसके लिए यमुना के जल को बड़े बांधों के जरिए रोकना शामिल है। दिल्ली में जलाशय बहुत कम हो चुके हैं। सरकार के द्वारा हर क्षेत्र में बड़े-बड़े जलाशय बनवाकर इसमें वर्षा जल को संचित किया जा सकता है। पुराने जलाशयों का जीर्णोद्धार कर दिल्ली का जल स्तर सुधारा जा सकता है।