गांव में पहुंचा बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर… तो रो पड़ा पूरा गांव, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

एटा: जम्मू में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए जा रही बस हादसे का शिकार हो गई। खाई में बस गिरने से उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले बीएसएफ जवान सुखवाशी लाल की जान चली गई। रविवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव में पहुंचा। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम दर्शन के लिए और अंतिम यात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

थाना मलावन के गांव अयार निवासी रक्षपाल सिंह ने बताया कि छोटे भाई सुखवाशी लाल (50) वर्तमान में बीकानेर में तैनात थे। जम्मू-कश्मीर में चल रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 17 सितंबर को कराने के बाद दूसरे चरण के लिए सैन्य वाहन से जा रहे थे।
शुक्रवार को रास्ते में वाहन अनियंत्रित होकर पहाड़ से नीचे खाई में जा गिरा। इसके चलते सुखवाशी लाल गंभीर रूप से घायल हो गए। जब तक राहत टीम पहुंची इनकी सांसें थम गईं। रविवार सुबह इनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा। यहां सैन्य सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार किया गया।

आसपास के गांव के सैकड़ों लोग बलिदानी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। बताया कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। हम शासन-प्रशासन से मांग करेंगे, जो भी सुविधाएं या लाभ एक बलिदानी के परिवार को मिलने चाहिए, सुखवाशी लाल के परिजन को मिलें।

बड़े भाई भी हैं बीएसएफ में जवान
रक्षपाल सिंह ने बताया कि हम पांच भाई हैं। इनमें से सुखवाशी लाल तीसरे नंबर के थे। इनसे छोटे भाई की मौत हो चुकी है। सुखवाशी लाल से बड़े भाई अजयपाल भी बीएसएफ में जवान हैं। दोनों भाइयों की बचपन से ही सेना में नौकरी करने की चाह थी। इसी कारण 1999 में वह बीएसएफ में भर्ती हो गए थे।

तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
सुखवाशी लाल के तीन बच्चे हैं। उनके सिर से पिता का साया उठ गया। पत्नी पूनम ने बताया के उनके दो बेटे लकी, सागर और एक पुत्री मीनू है।

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