यूपी के 30 और अस्पतालों को मिला एनक्वॉस, अब तक 307 स्वास्थ्य इकाइयां हो चुकी हैं प्रमाणित
लखनऊ:उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश की 30 और स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वॉलिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वॉस) सर्टिफिकेट मिला है। वहीं, बड़ी बात यह है कि रामपुर जिला महिला अस्पताल को एनक्वॉस, लक्ष्य और मुस्कान तीनों प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एनक्वॉस प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़कर 307 पहुंच गई है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण इलाज, स्वास्थ्य के मानकों को पूरा करने एवं उस पर खरा उतरने की वजह से मिला है।
बता दें कि एनक्वॉस के तहत स्वास्थ्य इकाइयों की सेवा गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए किए गए ठोस प्रयासों से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक ने हाल ही में प्रदेश के सभी अपर निदेशकों व सीएमओ को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि वर्ष 2025 के अंत तक प्रदेश की 50 प्रतिशत और वर्ष 2026 तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वॉस प्रमाणित कराने के निर्धारित लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में अपने कार्य को गति दें। साथ ही, उन्होंने विभिन्न जिलों की 31 और स्वास्थ्य इकाइयों का जल्द स्टेट एसेसमेंट करने के निर्देश दिये हैं।
इन जिलों की स्वास्थ्य इकाइयों को मिला एनक्वॉस प्रमाण पत्र
एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. निशांत जायसवाल के अनुसार जिन 30 स्वास्थ्य इकाइयों को हाल में एनक्वॉस प्रमाण पत्र मिला है। उनमें रामपुर जिला महिला अस्पताल के अलावा शाहजहांपुर की तिलहर, कानपुर देहात की गजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और लखनऊ की अर्बन पीएचसी शामिल हैं। इसके अलावा फतेहपुर व प्रयागराज के तीन-तीन, गाजियाबाद, बिजनौर व शाहजहांपुर के दो-दो, लखनऊ, गाजीपुर, श्रावस्ती, सहारनपुर, संभल, हमीरपुर, कानपुर देहात, मिर्जापुर, सहारनपुर, गोण्डा, बहराइच, हरदोई, फर्रुखाबाद, कुशीनगर के एक-एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्वॉस प्रमाण पत्र मिला है।
31 और स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वॉस प्रमाण पत्र दिलाने की कवायद तेज
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने बताया कि उन्होंने 24 जनपदों की 31 स्वास्थ्य इकाइयों का स्टेट एसेसमेंट कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें निर्देशित किया गया है कि सात सितंबर तक इन सभी इकाइयों का एसेसमेंट करा लिया जाए ताकि फिर से नेशनल टीम आंकलन करने आ सके। अगर यह सभी इकाइयां स्टेट के बाद नेशनल एसेसमेंट में भी मानक के अनुरूप मिलीं तो इनको भी एनक्वॉस मिल जाएगा।