नए आपराधिक कानूनों को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पेश, भाजपा ने TMC पर लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल:  पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्ताधारी दल और राज्य के कानून मंत्री की विधानसभा के नियम 169 के तहत पेश किए गए प्रस्ताव का विरोध करते हुए भाजपा सदस्यों ने कहा कि नए कानून समाज के कई वर्गों में उचित विचार-विमर्श के बाद लागू किए गए हैं और टीएमसी सदस्यों ने इसे राजनीतिक मकसद से पेश किया है।

नए कानूनों की समीक्षा करने का आग्रह
इस प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से सुशासन के हित में न्यायविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों के आम सहमति वाले विचारों को विकसित करने और मौलिक अधिकारों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए नए कानूनों की समीक्षा करने का आग्रह किया गया।

जुलाई महीने से देश में लागू हो गए तीन नए कानून
बता दें कि तीन नए आपराधिक कानून – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से देश भर में लागू हो गए हैं, जो क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

टीएमसी ने नए कानूनों को बताया जनविरोधी
वहीं सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कानून मंत्री मलल घटक ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के कई न्यायविदों की तरफ से तीनों नए कानूनों की विस्तृत जांच में पाया गया है कि इनमें से कई प्रावधान पुराने तीन कानूनों के मूल प्रावधानों की तुलना में बहुत अधिक कठोर और जनविरोधी हैं। उन्होंने कहा कि तीनों विधेयक पिछले साल 20 दिसंबर को लोकसभा में 147 सांसदों को संसद से निलंबित किए जाने के बाद और अगले दिन राज्यसभा में बिना पर्याप्त चर्चा के पारित किए गए थे।

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