सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा बयान, कहा उत्तराखंड-यूपी के बीच अब आधा-आधा होगा…
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड-यूपी के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा अब आधा-आधा होगा। पहले बंटवारे के लिए दोनों प्रदेशों की जनसंख्या के अनुपात का पैमाना निर्धारित किया था।
यह सहमति बनने के बाद उत्तराखंड को पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा परिसंपत्तियां मिल सकेंगी। दोनों प्रदेशों के बीच 21 साल से परिसंपत्तियों के अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए सीएम धामी ने 17 नवंबर से यूपी का दो दिवसीय दौरा किया था। सीएम धामी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे पर सफल वार्ता हुई थी।
उन्होंने कहा कि इस बार परिसंपत्तियों बंटवारे में राज्य सरकार का एजेंडा सिर्फ वही था, जो मामले न्यायालयों से हटकर थे। सबसे बड़ी बात यह है कि पहले जनसंख्या के हिसाब से बंटवारा हुआ था।
ऐसे में यूपी की जनसंख्या 24 करोड़ से ज्यादा है, जबकि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनसंख्या है। अब जनसंख्या का पैमाना नहीं बल्कि 50-50 फीसदी के अनुपात में संपत्तियों का बंटवारा होना है। उन्होंने कि उत्तराखंड में यूपी सिंचाई विभाग की लगभग 5700 हेक्टेयर जमीन है।
अब यह साफ हो चुका है कि यूपी को इसमें से जितनी जमीन चाहिए, वह उसे लेगा और बाकी जमीन उत्तराखंड को जल्द हस्तांतरित करेगा। इसके लिए दोनों प्रदेशों के अफसर संयुक्त सर्वे करने जा रहे हैं।
सीएम धामी ने बताया कि नानक सागर और हरिद्वार की ऊपरी गंग नहर में उत्तराखंड साहसिक पर्यटन जैसे जल क्रीड़ा कराना चाहता है। इसके लिए पूर्व में एनओसी मांगी गई थी, लेकिन नहीं मिल पा रही थी। अब यूपी ने जलक्रीड़ा कराने के लिए सहमति दे दी है। इससे उत्तराखंड में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ेंगी, वहीं स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे।
उत्तराखंड परिवहन निगम के यूपी पर अभी भी 205 करोड़ बकाया है। 2003 में जब निगम का गठन हुआ था तो निगम की संपत्तियों पर हिस्सेदारी को लेकर कई बैठकें हुई, पर हल नहीं निकल पाया। यूपी परिवहन निगम अब इन परिसंपत्तियों के एवज में उत्तराखंड को यह पैसा देगा। इनमें दिल्ली स्थित अजमेरी गेट अतिथि गृह, लखनऊ स्थित मुख्यालय, कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला और एलन फारेस्ट कार्यशाला शामिल हैं।
उत्तराखंड में यूपी की जो भी सरकारी परसंपत्तियां हैं, उनके बिजली के बिलों का अभी तक यूपी भुगतान नहीं कर रहा था। यह राशि लगभग 60 करोड़ है। सीएम धामी की पहल के बाद यूपी बिजली बिलों का भुगतान करेगा। इस सहमति से ऊर्जा निगम को अपने संसाधन बढ़ाने में बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि परसंपत्तियों के बंटवारे में यूपी ने बड़े भाई की भूमिका अच्छी तरह से निभाई है। राज्य सरकार की तरफ से जो भी प्रस्ताव सीएम योगी के समक्ष रखे गए। उन्होंने सहर्ष उन्हें स्वीकारा और कुछ मसलों का तत्काल ही समाधान निकाल लिया। जैसे वन निगम के वर्षों से 90 करोड़ अधर में लटके थे। वार्ता के बाद यूपी ने 77 करोड़ तुरंत रिलीज कर दिए। इसी के साथ शारदा व किच्छा बैराज के पुनर्निर्माण के लिए सहमति पत्र सौंपा। उन्होंने इसके लिए यूपी के सीएम का आभार जताया।