अब ये लोग नहीं कर पाएंगे दिल्ली मेट्रो और बसों में सफर, जानिए सबसे पहले
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को एक प्रस्ताव दिया है।
इसके तहत दिल्ली मेट्रो सेवाओं, बसों, सिनेमा हॉल, मॉल, धार्मिक स्थलों, रेस्तरां, स्मारकों, सार्वजनिक पार्कों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना टीकाकरण वाले लोगों के प्रवेश पर 15 दिसंबर से प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
इसी प्रस्ताव में उन लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया गया है, जिन्हें 31 मार्च, 2022 तक कोविड-19 वैक्सीन की एक खुराक मिली है। वहीं टीकाकरण कराने वालों को नकद पुरस्कार या छूट जैसे प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया गया है। यह सुझाव कई यूरोपीय देशों द्वारा अपनाए गए रास्ते का अनुसरण करता है। जहां एक वैक्सीन पासपोर्ट प्रणाली बनाई गई है। इसमें बिना टीकाकरण वाले लोगों के लिए सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच को सीमित किया गया है। वे टीकाकरण के लिए लोगों को कई तरह के प्रोत्साहन भी देते हैं।
कोरोना महामारी को रोकने के लिए टीकों तक पात्र आबादी की समान पहुंच को महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में कोरोना का नया स्वरूप ओमिक्रोन चिंता का सबब बनकर उभरा है। सोमवार को डीडीएमए की बैठक का फोकस ओमिक्रोन की वजह से हुई चिंताओं का विश्लेषण करना था, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘चिंता के प्रकार’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
प्रतिबंध के प्रस्ताव पर फिलहाल चर्चा नहीं हुई और इसे डीडीएमए की अगली बैठक में लाए जाने की संभावना है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों पर बिना टीकाकरण वाले लोगों की पहुंच को सीमित करने के प्रस्ताव पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि कई अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि अधिकांश आबादी को बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के टीके लगाए गए हैं, इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं है कि जिसकी वजह से लोगों को टीका लगाने से डरना चाहिए। यह एक महामारी है, और जब तक सब सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है। इसका मतलब है कि हर किसी को अपनी और अपने संपर्क में आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगानी चाहिए।’
एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि इस तरह के प्रतिबंधों को लागू करना मुश्किल नहीं होगा क्योंकि टीकाकरण के बाद के प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, ‘यदि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है और इसे लागू किया जाता है, तो लोगों को केवल टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाना होगा और मांगे जाने पर इसे प्रस्तुत करना होगा।’