यूक्रेन के छेड़े युद्ध में 19 हजार से ज्यादा लोग हताहत, रूस ने कहा- दूसरे की कठपुतली न बने कीव
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को एक साल से ज्यादा वक्त हो चुके हैं। इसी बीच रूस की तरफ से यूक्रेन पर आरोप लगाया गया है कि डोनबास और नोवोरोसिया इलाके में यूक्रेन के छेड़े गए युद्ध में 19 हजार से ज्यादा लोग हताहत हुए हैं। मामले में रूसी विदेश मंत्रालय के राजदूत रोडियन मिरोशनिक ने कहा कि जब तक यूक्रेन अन्य शक्तियों के हाथों की कठपुतली बनना बंद नहीं कर देता, तब तक संघर्ष समाप्त नहीं हो सकता।
‘अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और कूटनीति की हुई दुर्दशा’
मुंबई में रूसी हाउस में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चल रहे युद्ध के दौरान संघर्षों को हल करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, राजनीतिक और कूटनीतिक तंत्रों का पूरी तरह से दुर्दशा हुई है। उन्होंने कहा, डोनबास और नोवोरोसिया के इलाके में छेड़े गए युद्ध में कुल 19 हजार 300 लोग हताहत हुए हैं। नागरिकों की मृत्यु का आंकड़ा पहले ही 13 हजार से अधिक हो चुका है।
‘दूसरों के हाथों की कठपुतली बनना बंद करे यूक्रेन’
यूक्रेन स्वयं किसी के गलत हाथों में युद्ध छेड़ने का साधन बन गया है। संघर्ष तभी समाप्त हो सकता है जब यूक्रेन दूसरों के हाथों की कठपुतली बनना बंद कर दे और अपने लोगों को वापस मिल जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से पश्चिम देशों का संदर्भ देते हुए कहा कि ये संघर्ष, विशेष रूप से, दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध से अलग है।
‘यूक्रेनी सेना ने नागरिकों पर किया हमला’
रूसी विदेश मंत्रालय के राजदूत रोडियन मिरोशनिक ने आगे आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में, कीव के सुरक्षा बलों ने नागरिकों पर हमला किया है। इस दौरान मिसाइलों से बाजारों और कैफे जैसे सार्वजनिक स्थानों को निशाना बनाया है। वहीं फरवरी 2022 में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से ठीक पहले, मॉस्को ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही रूसी भाषी इलाके डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्रता को मान्यता दी, जिसे डोनबास के नाम से जाना जाता है।
यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र में कई दिनों से बढ़े तनाव के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये फैसला लिया। जहां यूक्रेनी सेना रूस समर्थित अलगाववादियों के साथ लगभग आठ साल से संघर्ष कर रही थी।