जरांगे का मंत्री छगन भुजबल पर आरोप, मराठों और ओबीसी को विभाजित करने के लिए दे रहे भड़काऊ बयान
मराठा आरक्षण के कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल पर मराठों और ओबीसी को विभाजित करने के लिए भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। छत्रपति संभाजीनगर में एक प्राइवेट हॉस्पिटल से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि अगर वो राज्य में दंगा हो, तो मराठा समुदाय को भी सतर्क रहना चाहिए।
मराठा समुदाय अब संकट में है- जरांगे
इस मौके पर मनोज जरांगे ने एलान किया मराठा आरक्षण को लेकर उनके अगले कदम 17 जुलाई के बाद तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, कि मराठा समुदाय अब संकट में है और मैं अकेला रह गया हूं। लेकिन मैं वापस लड़ूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत आरक्षण मिले। बता दें कि जरांगे की ये प्रतिक्रिया ओबीसी नेताओं के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के मुद्दे पर बढ़ रहे तनाव के बीच आयी है।
मराठा समुदाय सतर्क रहे- मनोज जरांगे
मनोज जरांगे सभी मराठों और उनके रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं, ताकि वे सभी ओबीसी कोटा का दावा कर सकें। इस बीच, ओबीसी मौजूदा कोटा की रक्षा के लिए मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल के आस-पास लामबंद हो रहे हैं। बता दें कि मंत्री छगन भुजबल ने पुणे में भड़काऊ बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अपनी जंग लगी तलवारें तैयार रखो। इस पर मनोज जरांगे ने कहा कि उनके बयान का मतलब है कि वो महाराष्ट्र में दंगे कराना चाहते हैं और समुदायों को विभाजित करना चाहते हैं। मैं मराठा समुदाय से सतर्क रहने की अपील करता हूं।
’13 जुलाई के बाद अगली रणनीति पर होगा फैसला’
मनोज जरांगे ने कहा कि राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई ने मराठा प्रदर्शनकारियों से 13 जुलाई तक इंतजार करने का अनुरोध किया है। तो हम 13 जुलाई के बाद अगली रणनीति के बारे में फैसला करेंगे। इस दौरान उन्होंने ने मराठा समुदाय के सदस्यों से अगले महीने आयोजित रैलियों में भाग लेने का अपील की, ताकि ओबीसी समूह के तहत आरक्षण का दावा करने के उनके अधिकार के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।