एक माह में पांच करोड़ का ओआरएस पी गए मुरादाबाद के लोग, भीषण गर्मी का दिखा असर, बाजार में 20% बढ़ी डिमांड
मुरादाबाद: मुरादाबाद जिले में पिछले एक माह से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया है। पहले से बीमार लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर चक्कर खाकर गिरने के कई मामले सामने आए। गर्मी व डीहाईड्रेशन से बचाव के लिए 15 मई से 15 जून तक मुरादाबाद के लोग पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के ओआरएस पी गए।हर दिन 16 लाख रुपये से ज्यादा के ओआरएस बिक रहे हैं। यह आंकड़ा सिर्फ निजी मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं के साथ सरकारी सप्लाई को मिलाकर है। जिला अस्पताल में पिछले एक माह में करीब 20 हजार ओआरएस के पैकेज मरीजों को दिए जा चुके हैं।
सभी सीएचसी व पीएचसी पर 22 से 25 हजार ओआरएस की खपत हो चुकी है। इसके अलावा चुनाव व मतगणना के दौरान जिले में 20 हजार ओआरएस मतदान कर्मियों, पुलिसकर्मियों के लिए भेजे गए थे। वहीं निजी कंपनियों की सप्लाई की बात करें तो जिले में चार हजार लाइसेंस धारी मेडिकल स्टोर संचालक हैं।इनके मुताबिक ओआरएस की डिमांड 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। बाजार में 50 कंपनियों के ओआरएस के पाउडर व लिक्विड उपलब्ध हैं। खपत बढ़ने के बावजूद सरकारी अस्पतालों व निजी मेडिकल स्टोर्स पर ओआरएस की कमी नहीं है।
इस तरह काम करता है ओआरएस
ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) एक जीवनरक्षात्मक फार्मूला होता है। यह डीहाइड्रेशन करने वाली स्थितियां जैसे डायरिया, उल्टी और अन्य स्थितियों में शरीर में पानी की पूर्ति करता है। इलेक्ट्रोलाइट्स और ग्लूकोज की कमी को पूरा करता है।फिजिशियन डॉ. विनीत चौहान का कहना है कि ओआरएस डीहाइड्रेशन को ठीक करने के लिए सबसे प्रभावी उपचारों में से एक होता है और इसका उपयोग शिशुओं और बच्चों सहित सभी उम्र के लोगों में किया जा सकता है।
ओआरएस के घटक
ओआरएस का मुख्य आधार पानी होता है। इसके अलावा ग्लूकोज होता हा जोकि शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। यह छोटी आंत में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के अवशोषण को तेज करने में मदद करता है। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में मौजूद मिनरल होते हैं और विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए जरूरी होते हैं। इनमें सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड आदि मुख्य होते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाने में मदद करते हैं।