नौकरी से निकाला तो कुछ ऐसे लिया कंपनी से बदला, प्रोग्रामिंग सीख कंपनी के 180 सर्वर किए ठप
एक भारतीय को दो साल छह महीने की जेल हुई। उसने अनाधिकृत तरीके से 180 वर्चुअल सर्वर को नष्ट किया था, जिस कारण से उसके नियोक्ता को 918,000 सिंगापुरी डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।सोमवार को 39 वर्षीय कंदुला नागराजू को सजा सुनाई गई। इससे पहले भी अक्तूबर 2022 को एनसीएस ने उसे खराब प्रदर्शन के कारण निकाल दिया था। जिसके बाद 16 नवंबर 2022 को उसकी नौकरी चली गई।
नवंबर 2021 और अक्तूबर 2022 में कंदुला एनसीएस में गुणवत्ता आश्वासन कंप्यूटर सिस्टम का प्रबंधन करने वाली 20-सदस्यीय टीम का हिस्सा था। यह सूचना संचार और प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी है।कंदुला की पूर्व टीम जिस सिस्टम का प्रबंधन कर रही थी, उसका इस्तेमाल लॉन्च से पहले नए सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम का परीक्षण करने के लिए किया जाता था। इसमें 180 वर्चुअल सर्वर शामिल थे। उन पर कोई संवेदनशील जानकारी नहीं थी।
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अदालती कागजों के अनुसार कंदुला को नौकरी के निकालने के बाद वह काफी परेशान था। उसे लगता था कि उसका प्रदर्शन अच्छा है, अपनी नौकरी के दौरान उसने अच्छा योगदान किया।
लेकिन निकाले जाने के बाद उसके पास कोई अन्य नौकरी नहीं थी, वह भारत लौट आया। जहां से उसने अपने लैपटॉप का इस्तेमाल करके एडमिनिस्ट्रेटर लॉगिन क्रेडेंशियन के इस्तेमाल से सिस्टम पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किया। पिछले साल 6 जनवरी से 17 जनवरी के बीच छह बार उसने यही किया। वहीं फरवरी में एक नौकरी की तलाश में सिंगापुर वापस लौटा। उसने एक पूर्व एनसीएस सहकर्मी से एक किराए पर कमरा लिया। 23 फरवारी को उसने फिर सिस्टम पर पहुंचने के लिए अपने वाई-फाई नेटवर्क का प्रयोग किया।
उस समय अनाधिकृत रूप सर्वर प्रयोग करके कुछ कोडिंग भी की ताकि सर्वर को नष्ट किया जा सके। मार्च 2023 में कुंदला ने एनसीएस सिस्टम को 13 बार एक्सेस किया। 18-19 मार्च को उसने 180 वर्चुअल सर्वर को नष्ट करने के लिए प्रोग्रामिंग की, यह कुछ इस तरह से डिजाइन की गई कि, एक-एक करके सर्वर को डिलीट किया जा सके।
जल्द ही एनसीएस टीम को पता चल गया कि कुछ गड़बड़ है, उन्होंने समाधन ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ, बाद में में उन्हें पता चला कि सारे सर्वर हटाए जा चुके हैं।11 अप्रैल को पुलिस रिपोर्ट में आईपी एड्रेस पुलिस को दिए गए। पुलिस ने कुंदला का लैपटॉप जब्त कर लिया। जिसमे डिलीट की गई प्रोग्रामिंग मिली। उसक में यह भी पता चला कि इस प्रोग्रामिंग के बार में उसे गूगल से जानकारी मिली थी। एनसीएस में अपनी नौकरी खत्म होने के बाद कुंडला को पता था कि उसे सिस्टम तक पहुंचने का अधिकार ही नहीं है। पता चला कि एनसीएस को लगभग 918,000 सिंगापुर डॉलर (678,000 अमेरिकी डॉलर) का नुकसान हुआ।