गूगल ने मोबाइल उत्पादन के लिए तमिलनाडु को चुना तो कर्नाटक में BJP-कांग्रेस भिड़ीं, छिड़ी जुबानी जंग
बंगलूरू: तमिलनाडु में गूगल अपने पिक्सेल स्मार्टफोन का निर्माण कर सकता है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसकी घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद से कर्नाटक में वाद-विवाद शुरू हो गया। विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। इस वजह से कर्नाटक गूगल से करार करने में पिछड़ गया।
भाजपा ने ट्वीट कर लगाया आरोप
भाजपा ने एक्स पर एक पोस्ट किया। पोस्ट में पार्टी ने कहा कि कर्नाटक ने एक बड़ा निवेश खो दिया है। कांग्रेस सरकार के शासन के कारण कर्नाटक में काननू व्यवस्था धराशाई हो गई है। इस वजह से राज्य में बड़े निवेश नहीं हो रहे हैं। राज्य के युवा रोजगार के अवसर से चूक जा रहे हैं। भाजपा ने कर्नाटक को अपनी नीतियों से आर्थिक राज्य बना दिया था। वहीं, सीएम सिद्धारमैया अपनी नीतियों से इसे नष्ट कर रही हैं।
डीके शिवकुमार ने लगाए आरोप
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। भाजपा पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। शिवकुमार ने कहा कि भाजपा नेताओं ने ऐसा ट्वीट किया, यह शर्मनाक है। भाजपा को पहले दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए कि कितने निवेशक भाजपा सरकार के उत्पीड़न से परेशान होकर देश से बाहर चले गए हैं। जब से कांग्रेस ने राज्य की सत्ता संभाली है। कई निवेशक यहां आए हैं। चुनाव के बाद हम आपको दिखाएंगे कितने निवेशक राज्य में निवेश करना चाहते हैं। कर्नाटक विकास और शांति का स्थान है।
पेशेवर आईटी युवाओं को रोजगार मिलेगा
सीएम ने गुरुवार को कहा था कि राज्य सरकार ने गूगल के प्रबंधन के साथ शुरुआती स्तर पर बातचीत पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध गूगल जल्द ही आधिकारिक तौर पर बातचीत करने के लिए अपने अधिकारियों को चेन्नई भेजेगा। मुख्यमंत्री ने कहा था कि चेन्नई के पास गूगल पिक्सल स्मार्टफोन की उत्पादन फैक्ट्री लगाने से राज्य के कई पेशेवर आईटी युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। मीडिया में आई जानकारी में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने 2030 तक एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करने का टारगेट सेट किया है। इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों ने तमिलनाडु, मलेशिया, सिंगापुर, जापान, फ्रांस और अरब देश में बैठक आयोजित की। इस दौरान लगभग 9.61 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ। इससे तकरीबन 30 लाख नौकरियां पैदा होंगी।