नाबालिग का फर्जी वीडियो वायरल होने पर मां का सब्र टूटा, रोते हुए पुलिस से की रक्षा की अपील
पुणे: देश में इन दिनों पुणे में हुए सड़क हादसे की चर्चा हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। कोर्ट ने उसे निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। इन सबके बीच, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर आरोपी की मां परेशान हैं। उन्होंने पुलिस से बेटे की रक्षा करने की अपील की है।
‘मेरा बेटा डिटेंशन सेंटर में’
दरअसल, वीडियो में एक रैप गीत में आरोपी किशोर के होने का दावा करते हुए कार दुर्घटना में कैसे बच निकलने की बात बताई गई है। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस पर 17 साल के लड़के की मां ने पुलिस से अपने बेटे की रक्षा की अपील की। एक वीडियो संदेश में किशोर की मां ने जोर देकर कहा, ‘जो वीडियो वायरल हो रहा है वह मेरे बेटे का नहीं है। यह एक फर्जी वीडियो है। मेरा बेटा डिटेंशन सेंटर में है।’
वायरल रैप वीडियो किसका?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक रैप गीत में आरोपी किशोर के होने का दावा किया जा रहा है। साथ ही आरोप लगाए जा रहे हैं कि कार दुर्घटना के बाद भी कैसे बच निकला। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह एक फर्जी अकाउंट था और किशोर का वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है। बाद में पता चला की रैप वीडियो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का था।
यह है मामला
नाबालिग शराब के नशे में धुत था और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चला रहा था। तभी एक बाइक से कार की टक्कर हो जाती है। इस हादसे में मध्य प्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियर अनीश अवधिया (पुरुष) और अश्विनी कोस्टा (महिला) की मौके पर ही मौत हो गई। ये कार कोई और नहीं बल्कि रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का नाबालिग बेटा चला रहा था। हादसे के बाद उसने भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। बाद में उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां कुछ घंटों बाद जमानत दे दी गई। हालांकि विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। अब पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने लग्जरी कार के पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।