संयुक्त राष्ट्र ने भारत के लिए विकास दर का अनुमान बढ़ाया, निवेश और निजी खपत बढ़ना है कारण
संयुक्त राष्ट्र ने 2024 के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमानों को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। यह मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है। इससे पहले आईएमएफ ने भी देश के विकास के पूर्वानुमान को बढ़ाया था। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं शीर्षक से अपने मिड ईयर अपडेट में पुष्टि की है कि भारत इस वित्त वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। वहीं, आईएमएफ ने अपने नवीनतम दृष्टिकोण में, 2024 के लिए भारत के विकास अनुमानों को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
चीन में विदेशी निवेश कम होने से भारत को मिल रहा फायदा: संयुक्त राष्ट्र अधिकारी
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा कि चीन में विदेशी निवेश कम होने से भारत कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य बन गया है। इससे भारत की आर्थिक वृद्धि ‘‘काफी बेहतर’’ हुई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2024 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को संशोधित किए जाने के मौके पर विशेषज्ञ ने यह बात कही।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) के आर्थिक विश्लेषण व नीति प्रभाग में वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा के प्रमुख हामिद राशिद ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत को अन्य पश्चिमी स्रोतों से भारत में आने वाले अधिक निवेश से भी लाभ हो रहा है, क्योंकि चीन में कम से कम विदेशी निवेश जा रहा है। भारत कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक निवेश स्रोत या गंतव्य बन गया है। मुझे लगता है कि इससे भारत को फायदा हो रहा है।”
वह ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं 2024’ के मध्य-वर्ष के ताजा अनुमानों पर जानकारी दे रहे थे। वर्ष 2024 के लिए भारत की वृद्धि संबंधी अनुमान को संशोधित किया गया है। यह अनुमान जताया गया है कि इस वर्ष देश की अर्थव्यवस्था लगभग सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
वर्ष 2024 के मध्य तक ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति व संभावनाओं’ संबंधी गुरुवार जारी आंकड़ों में कहा गया, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.9 प्रतिशत और 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है। हालांकि, कमजोर बाहरी मांग का व्यापारिक निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा, औषधि और रसायनों के निर्यात में जोरदार वृद्धि की उम्मीद है।”