संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे भारतीय कर्मचारी की गाजा में मौत, वाहन पर हुआ हमला; गुटेरेस ने जताया दुख
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के साथ काम करने वाले एक भारतीय कर्मी की सोमवार की सुबह उस समय मौत हो गई,जब उसके वाहन पर गाजा के दक्षिणी शहर रफाह में हमला हुआ। इस्राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से यूएन के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मी की गाजा में मौत का यह पहला मामला है।
व्यक्ति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा और संरक्षा विभाग (डीएसएस) का सदस्य था। पीड़ित की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। सूत्रों ने पीटीआई को पुष्टि की कि वह भारत से था और भारतीय सेना का एक पूर्व जवान था। सात अक्तूबर के आतंकवादी हमलों के बाद इस्राइल-हमास युद्ध शुरू हुआ। तबसे रफाह में संयुक्त राष्ट्र के किसी अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी की मौत का यह पहला मामला है। इस घटना में एक अन्य डीएसएस कर्मचारी घायल हो गया। संयुक्त राष्ट्र के वाहन पर रफाह में उस समय हमला किया गया, जब वह मरीजों को लेकर यूरोपीय अस्पताल जा रहा था।
यूएन के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (डीएसएस) के एक कर्मचारी की मौत और एक अन्य के घायल होने की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है। हक ने कहा कि सात अक्तूबर के हमास के हमले के जवाब में इस्राइल का आक्रमण शुरू होने के बाद से यह संयुक्त राष्ट्र के पहले अंतरराष्ट्रीय सदस्य की मौत है। हक ने याद करते हुए कहा कि अब तक संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले 190 फलस्तीनी कर्मचारी मारे गए हैं, जिनमें खासतौर पर संयुक्त राष्ट्र फलस्तीनी शरणार्थी एजेंसी के कर्मचारी शामिल थे।
उन्होंने आगे कहा, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस को डीएसएस के एक कर्मचारी की मौत और एक अन्य कर्मचारी के घायल होने की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है। गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों पर सभी हमलों की निंदा की है और इसकी पूरी जांच की मांग की है।
इस्राइल ने मनाया पहला राष्ट्रीय स्मृति दिवस, मारे गए सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
उधर, युद्ध के बीच इस्राइल ने अपना पहला राष्ट्रीय स्मृति दिवस मनाया और हमास के हमलों में मारे गए अपने सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह दिवस ऐसे समय में मनाया गया जब इस्राइल के 132 बंधकों की जान जोखिम में है। स्मृति दिवस के लिए समारोह यरूशलम के माउंट हर्जल सैन्य कब्रिस्तान में आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग शामिल हुए। शोक संतप्त परिवारों ने कब्रिस्तानों का दौरा किया। इस दौरान देश में एक मिनट का मौन रखा गया।