संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका-रूस का टकराव तय, अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की दौड़ बनेगा मुद्दा, चर्चा आज
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने रूस पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह एक एंटी सैटेलाइट परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। जिसे रूस के रक्षामंत्री ने नकार दिया। आज होने वाली सभा में इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और रूस आमने-सामने हो सकते हैं। बुधवार को रूस और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होंगे। इसमें मतदान होगा, जो कि बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ को रोकने के लिए देशों को सहमति का अमेरिका ने प्रस्ताव तैयार किया। कुछ समय पर अमेरिका ने रूस पर आरोप लगाया था कि वह एंटी सैटेलाइट परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। हालांकि रूस के रक्षा मंत्री ने अमेरिका के इस आरोप को सिरे से नकार दिया।
वहीं कुछ राजनीतिज्ञों की मानें तो रूस इस प्रस्ताव को रोक सकता है। वहीं अमेरिका ने भी यह कदम मॉस्को पर अंतरिक्ष में एंटी-सैटेलाइट परमाणु हथियार विकसित करने के आरोप लगाने के बाद उठाया। दरअसल शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड और जापान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत यामाजाकी काजुयुकी ने शुक्रवार को बयान दिया था कि वे छह सप्ताह से प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं।
यह प्रस्ताव बाहरी अंतरिक्ष संधि का पालन करने के राज्यों के कर्त्तव्यों का पालन कराने के लिए तैयार कराया गया है। जिससे बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ को रोकने के उद्देश्य में सक्रिय रूप से योगदान के लिए है।
1967 की अंतरिक्ष संधि
रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत कई देशों ने 1967 में बाहरी अंतरिक्ष संधि पर हस्ताक्षर किया था। इस संधि में पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में परमाणु हथियार या किसी अन्य प्रकार के सामूहिक विनाश के हथियार ले जाने वाली वस्तुओं को रखने से रोकती है।