‘अब दुनिया देखेगी आजादी के मुद्दे पर कहां खड़े हैं हमारे लोग’, मुइज्जू ने फिर उगला भारत के खिलाफ जहर
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब यह समझेगा कि मालदीव के लोग कहां खड़े हैं, खासकर संप्रभुता और आजादी के मुद्दे पर। मुइज्जू का यह चीन समर्थित बयान संसदीय चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद सोमवर को एक कार्यक्रम में आया है।
रविवार को हुए चुनावों में उनके नेतृत्व वाली पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) 93 में से 68 सीट पर जीत हासिल की। जबकि पीएनसी के गठबंधन सहयोगियों मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने एक और मालदीव डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) ने दो सीट पर जीत दर्ज की। जिससे पीपुल्स मजलिस (संसद) में उसकी कुल दो-तिहाई से अधिक संख्या हो गई।
संसद में बहुमत का मतलब है कि मुइज्जू की पार्टी का न केवल कानून बनाने पर नियंत्रण होगा बल्कि विधायिका भी उसके नियंत्रण में होगी, जो कानूनों की पुष्टि करती है। विधायिका में अब तक दो विरोधी गठबंधन थे और सरका व विधायिका के बीच संघर्ष के कई मौके सामने आ चुके हैं। संसदीय चुनावों में पीएनसी की भारी जीत को भारत की विदेश नीति के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। भारत और चीन दोनों हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस द्वीप समूह में चुनावों के परिणाम को करीब से देख रहे थे।
मुइज्जू ने मालदीव में इंडिया आउट अभियान शुरू किया था और इसी के बहाने वह पिछले साल सत्ता में आए थे। नवंबर में पदभार संभालने के बाद उन्होंने चीन का दौरा किया था और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में बीजिंग के साथ माले के संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया।
संसदीय चुनावों से पहले भारत समर्थक पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी ने नई दिल्ली के साथ संबंध बहाल करने की पैरवी की थी। लेकिन एमडीपी को केवल 15 सीट मिलीं। वहीं 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने वाले मुइज्जू ने कहा, हम एक गौरवशाली राष्ट्र हैं जो संप्रभुता और स्वतंत्रता से प्यार करते हैं, जिसे हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी दिखाया है।