मायावती करने जा रही ये काम , अपने सांसदों को एजेंडा दिया…

कल यानी 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राजनीतिक दलों ने पूरी तरह से कमर कस ली है। जहां विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर ली है, वहीं सत्ताधारी भाजपा भी मुकाबले के लिए तैयार है।

इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने भी संसद के शीतकालीन सत्र के लिए अपना इरादा साफ कर दिया है। मायावती ने अपने सांसदों को एजेंडा भी दिया है। कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने भी साफ कर दिया है कि वह किन मुद्दों पर संसद में सरकार से सवाल करेंगी।

 

कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इसके तहत सभी सांसदों को दोनों सदनों की कार्रवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि राज्यसभा में चर्चा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाएगा। इसलिए सुबह 11 बजे से सदन स्थगित होने तक सदन में मौजूद रहें। साथ ही पार्टी के रुख का समर्थन करें।

इसी तरह का व्हिप लोकसभा में भी जारी किया गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि संसद के शीतकालीन सत्र में किसानों का मुद्दा अहम होगा। इसके अलावा बीएसएफ द्वारा अधिकार क्षेत्र को बढ़ावा, त्रिपुरा में हिंसा, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री पर कार्रवाई, पेगासस जासूसी कांड, उत्तर प्रदेश में यूपीटेट प्रश्न पत्र लीक होने जैसे मामलों को उठा सकती है। कांग्रेस का पूरा फोकस पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुद्दों पर होगा। इसके जरिए कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश करेगी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विट करके संसद के शीतकालीन सत्र का एजेंडा बताया। लिखा, ‘ देश को आशा है कि तीन दिन पहले ‘संविधान दिवस’ पर जनता से किए गए अपने वादों को सरकार नहीं भूलेगी।

उन वादों को सही ढंग से निभाया जाएगा।’ मायावती ने आगे लिखा, ‘किसानों के सभी मुद्दों के प्रति भी सरकार का रूख क्या होता है, इस पर भी सबकी नजर रहेगी। बीएसपी के सभी सांसदों को भी निर्देशित किया गया है कि वे देश व जनहित के अहम मुद्दों को नियमों के तहत ही पूरी तैयारी के साथ सदन के दोनों सदनों में जरूर उठाएं। सरकार भी अपनी ओर से सदन को पूरे विश्वास में लेकर ही काम करे तो यह बेहतर होगा।’

मायावती ने कहा कि कृषि कानूनों जैसे व्यापक जनहित के मुद्दों पर कानून बनाते समय उसके असर का आकलन नहीं करना एक अहम सवाल बना गया है। इस ओर न्यायपालिका बार-बार इंगित कर रही है। इस पर भी केंद्र को जरूर ध्यान देना चाहिए। ताकि नए कानून के मुद्दों पर देश को आगे अनावश्यक टकराव से बचाया जा सके।’

संसद के शीतकालीन सत्र में समाजवादी पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था, यूपी टेट प्रश्न पत्र लीक होने, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाने की तैयारी में है।

इसके अलावा किसानों के मुद्दे पर भी विपक्ष के अन्य दलों को सपा का साथ मिलेगा। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा हिंसा का मुद्दा संसद में उठाने का फैसला लिया है। टीएमसी से जुड़े एक सांसद ने बताया कि पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

Related Articles

Back to top button