पहले चरण के मतदान में दुनिया की सबसे छोटी महिला का वोट, शोंपेन जनजाति को पहली बार मताधिकार
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। तमाम चुनौतियों के बावजूद पहले चरण के मतदान को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला। शारीरिक रूप से असमर्थ और दिव्यांग मतदाता स्ट्रेचर एवं व्हीलचेयर पर बैठकर मतदान करने पहुंचे। पहाड़ी इलाकों में कई जगह लंबी और कठिन चढ़ाई के बावजूद लोग वोट देने मतदान केंद्रों पर पहुंचे। पहली बार मतदाता बनने वाले युवाओं में लोकतंत्र को और मजबूत बनाने की अपनी भूमिका के निर्वहन को लेकर भारी उत्साह दिखा।
पहले चरण के मतदान के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रंग देखने को मिला। नवविवाहित जोड़े भी वोट देने के अपने अधिकार को बखूबी निभाते नजर आए। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एक बूथ पर शादी के लिबास पहुंचे कपिल गुप्ता ने मतदान किया। उनकी बृहस्पतिवार को ही शादी हुई और शुक्रवार को घर लौटने के साथ उन्होंने सबसे पहले वोट डाला। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में भी एक नवविवाहित जोड़े ने मतदान किया।
देहरादून में मतदान केंद्र पर एक परिवार की तीन पीढ़ियों ने एक साथ वोट डाले। प्रभा शर्मा ने बेटी प्रीति कौशिक, पोतियों शमिता कौशिक और साक्षी कौशिक के साथ मतदान किया। नैनीताल में महिलाएं पारंपरिक पोशाक में मतदान करने पहुंचीं। उधर, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, असम और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कुछ बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ी की घटनाएं भी सामने आईं, लेकिन मतदान पर कोई असर नहीं दिखा।दिव्यांग मतदाता के लिए 18 किमी घने जंगल में गए : केरल के इडुक्की जिले में आदिवासी गांव एडमलाक्कुडी में 92 वर्षीय दिव्यांग शिवलिंगम का मतदान कराने के लिए मतदान कर्मियों की एक टीम ने 18 किलोमीटर लंबा रास्ता तय किया। रास्ते में जंगल भी था।
डोडा में महिलाओं को भाया पिंक बूथ
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच से एक उधमपुर सीट के लिए मतदान हुआ। इस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले डोडा जिले में कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच पूरी तरह महिला कर्मियों की तैनाती वाले पिंक बूथ महिला मतदाताओं को खूब आकर्षित किया। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए डोडा स्थित राजकीय कन्या स्कूल में बने पिंक बूथ पहुंची। यहां लंबी कतारें नजर आईं।
डोडा जिले के भदरवाह में पहली बार वोट करने वाली वंशिका शर्मा ने कहा कि 18 साल की होने के बाद मुझे मतदान को लेकर बेसब्री से इंतजार था। भदरवाह में एक केंद्र पर सबसे पहले मतदान करने वाले मूल राज का चुनावकर्मियों ने बुके देकर स्वागत किया।