चमकीला के हत्यारों में से एक अभी भी है जिंदा! ‘मेहसामपुर’ के निर्देशक कबीर ने किया दावा
दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा स्टारर फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ रिलीज हो चुकी है। इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है, जिसे दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। ये फिल्म में पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला के जीवन पर आधारित है। 1988 में 27 साल की आयु में उनकी हत्या कर दी गई थी। मगर अपनी शानदार गायकी के चलते वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। इस फिल्म ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
1988 में जब चमकीला मेहसामपुर, पंजाब में एक फरफॉर्मेंस देने जा रहे थे, उस दौरान अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था। उनकी हत्या की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। 80 के दशक में वह अपनी पत्नी अमरजोत के साथ गाना गाते थे। वह राज्य के सबसे लोकप्रिय संगीतकारों में से एक थे। मगर वह हमेशा अपने संगीत के चलते विवादों में ही घिरे रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चमकीला और अमरजोत फरफॉर्मेंस के बाद बाहर निकले पगड़ी पहने तीन नकाबपोश लोगों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था।
गोलियों की आवाज से वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सभी ग्रामीण कुछ ही सेकेंड में अपनी जान बचाने के लिए दौड़ पड़े। हत्यारों ने चमकीला के बैंड के दो सदस्यों को भी गोली मार दी थी। मक्खन सिंह नाम के एक व्यक्ति समेत चार लोगों ने अमर सिंह चमकीला और अमरजोत के शवों को एक ट्रॉली पर रखकर फिल्लौर तक पहुंचाया। मेहसामपुर के पूर्व सरपंच सुरिंदर सिंह ने बताया कि ये हादसा इतना बड़ा था कि लोग महीनों तक सदमे में रहे। लोग सिर्फ उसी दिन के बारे में बात करते थे।
सरपंच ने खुलासा किया कि जिस परिवार ने चमकीला और अमरजोत को उस दिन सगाई की पार्टी में परफॉर्म करने के लिए बुलाया था। उसने इस घटना के लिए खुद को दोषी ठहराया। क्योंकि गांव के लोग इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे। इसके तुरंत बाद वह परिवार वहां से चला गया। इतनी बदनामी के बाद वह वहां नहीं रूक सके और कनाडा शिफ्त हो गए। उन्होंने बताया कि त्रासदी का सिलसिला खत्म नहीं हुआ था। चमकीला की हत्या के पंद्रह दिन बाद क्रांतिकारी कवि पाश की भी हत्या कर दी गई। उसी साल दिसंबर में दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के चचेरे भाई अभिनेता वीरेंद्र सिंह की भी हत्या कर दी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म निर्माता कबीर सिंह चौधरी ने चमकीला पर मेहसामपुर नाम से एक फिल्म बनाई थी। अब वह अपने अगले थिएटर प्रोडक्शन लाल परी पर काम शुरू करना चाहते हैं। यह तीन हत्यारों में से एक के बारे में होगी, जो अब तक जीवित है। उन्होंने दावा किया, ‘मेहसामपुर बनाने से पहले मैंने उनके साथ समय बिताया।’