निवेशकों के साथ विवाद पर बोला बायजू, एनसीएलटी में हो मध्यस्थता; रवींद्रन फोर्ब्स की सूची से बाहर
एडटेक स्टार्टअप बायजू फिलहाल वित्तीय संकट से जूझ रही है। एडटेक फर्म थिंक एंड लर्न- बायजू के सह-संस्थापक बायजू रवींद्रन ने गुरुवार को मांग की कि नाराज निवेशकों से जुड़े मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए। बायजू ने एनसीएलटी के समक्ष निवेशक परिषद के आरोपों का विरोध किया कि कंपनी ने अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी किए बिना राइट इश्यू निवेशकों को शेयर जारी करके ट्रिब्यूनल के आदेश का उल्लंघन किया है। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए 29 मार्च को एक असाधारण आम बैठक (ईजीएम) आयोजित की गई, जिसके बाद एनसीएलटी बेंगलुरु पीठ के समक्ष यह पहली सुनवाई थी।वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक स्टार्टअप बायजू के सह-संस्थापक बायजू रवींद्रन अब अरबपति नहीं रहे। लर्निंग एप के जरिये शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाले रवींद्रन अब अर्श से फर्श पर पहुंच गए हैं। उनकी संपत्ति महज एक साल में 17,545 करोड़ रुपये से घटकर शून्य हो गई है। इसके साथ ही, फोर्ब्स ने अपनी वैश्विक अरबपतियों की सूची-2024 से उन्हें बाहर कर दिया है। एक साल पहले फोर्ब्स ने ही रवींद्रन को सबसे युवा भारतीय अरबपति बताया था।
2022 में एडटेक स्टार्टअप का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर
फोर्ब्स के मुताबिक, लगातार संकट की वजह से कंपनी के हालात काफी बिगड़ गए हैं। एक समय ऊंची उड़ान भरने वाली एडटेक कंपनी के लिए यह बड़ी गिरावट है। फोर्ब्स ने भारतीय अरबपतियों पर अपने लेख में कहा, ताजा सूची से सिर्फ चार लोग बाहर हुए हैं। इनमें पूर्व एडटेक स्टार बायजू रवींद्रन भी शामिल हैं। लगातार संकटों और विवादों में रहने के कारण ब्लैकरॉक ने कंपनी का मूल्यांकन घटाकर एक अरब डॉलर कर दिया है। 2022 में एडटेक स्टार्टअप का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर था।
छंटनी जारी, समय पर वेतन नहीं दे पा रही कंपनी
कारोबार संभालने की कोशिश में बायजू रवींद्रन की निजी संपत्ति भी इसमें लग चुकी है। खस्ता हालत की वजह से बायजू में पिछले 12 महीनों में हजारों कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है। कंपनी की मुश्किलें इतनी बढ़ गई हैं कि वह कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं दे पा रही है। बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लि. ने लगातार दूसरे महीने कर्मचारियों का वेतन रोका है। कंपनी का कहना है कि राइट्स इश्यू के जरिये जुटाई गई राशि को जारी करने के लिए फिलहाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की हरी झंडी का इंतजार है, जिससे वेतन जारी करने में दिक्कत आ रही है।