कांग्रेस-सपा गठबंधन से बदले समीकरण, इस लोकसभा सीट से भाजपा को टक्कर देंगे राज बब्बर!
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से फिर से राजबब्बर चुनाव मैदान में आ सकते हैं। कांग्रेस-सपा गठबंधन से बदले चुनावी समीकरण देख राजबब्बर ने यहां से चुनाव लड़ने का मना बनाया है। 13 मार्च को वे आगरा आ रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और फिल्मी सितारे राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से फिर चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस हाईकमान की बात मानते हुए उन्होंने मन बना लिया है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि इसी के चलते वे पहली बार गुजरात में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी शामिल हुए हैं। क्षेत्र में चुनावी माहौल परखने के लिए वह 13 मार्च को आगरा में आ रहे हैं।
सपा-कांग्रेस के गठबंधन में फतेहपुर सीकरी पंजे के खाते में आई है। ऐसे में राजब्बर फतेहपुर सीकरी से फिर दमखम दिखा सकते हैं। वह दो बार यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों बार उनके हिस्से में हार आई। माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान का दबाव और सपा से गठबंधन के कारण बदले समीकरण ने उनको यहां से चुनाव लड़ने के बाद में सोचने के लिए मजबूर कर दिया।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी के चलते व राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए हैं। अभी तक राज बब्बर इस यात्रा से दूरी बनाए हुए थे। यहां तक कि बीती 25 फरवरी को आगरा आई यात्रा में भी वह शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस हाईकमान ने उनसे लगातार संपर्क कर चुनाव लड़ने के लिए उन्हें राजी कर लिया है।
समर्थकों से की रायशुमारी
सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अपने समर्थकों से भी रायशुमारी की है। उनकी तरफ से माहौल सकारात्मक बताए जाने के बाद चुनाव में उतरने का मन बनाया है। सपा के गठबंधन से हालात भी बदले हुए हैं। ऐसे में उन्होंने हार-जीत का गणित बना लिया है।
जनता का आदेश पूरा करना मेरा धर्म
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि वह आगरा क्षेत्र के बेटे हैं। उनके लिए आगरा-फतेहपुर सीकरी की जनता ही पार्टी है। उनका जो आदेश होगा, वह मायने रखता है और उसे पूरा करना उनका धर्म है। उन्होंने कहा कि वह अभी गुजरात में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में हैं। 13 मार्च को आगरा आकर समर्थकों से रूबरू होंगे।
दूसरे नंबर पर रहे दोनों बार
वर्ष 2009 में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का गठन हुआ। राजबब्बर को बीएसपी की सीमा उपाध्याय से 9936 वोट से हार मिली, वर्ष 2019 में फिर से कांग्रेस के निशान पर मैदान में उतरे। 172082 वोट मिले, लेकिन बीजेपी के राजकुमार चाहर से 495065 वोटो से बड़ी हार हुई। राजबब्बर दोनों चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।