वेस्ट यूपी में गहरा रहीं ISI की जड़ें, कैराना के हैंडलर पढ़ा रहे आतंक का पाठ, पकड़े जा चुके हैं 18 एजेंट
मेरठ में आईएसआई एजेंट सतेंद्र के पकड़े जाने के बाद एक बार फिर से पुलिस से लेकर अन्य जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। माना जा रहा है कि वेस्ट यूपी के और लोग भी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंटों के संपर्क में हो सकते हैं। मेरठ में पकड़े गए आईएसआई एजेंट का शामली से कुछ दिन पूर्व ही पकड़े गए आईएसआई एजेंट कलीम और तहसीम से तो कोई संपर्क नहीं था। इसका पता लगाने के लिए पुलिस और एसटीएफ भी आईएसआई एजेंट सतेंद्र से पूछताछ कर सकती है। शामली की यदि बात की जाए तो यहां के लोगों के पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंटों के संपर्क में रहने की बात सामने आ चुकी है।
कैराना के हैंडलर पढ़ा रहे आतंकवाद का पाठ
हाल ही में आईएसआई एजेंट तहसीम उर्फ मोटा की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि कैराना में पूर्व में मजदूरी, कपड़े की बिक्री करने वाले इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा, हमीदा और शाहिद, इकबाल काना आईएसआई हैंडलरों के संपर्क में रहकर भारत के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियां न सिर्फ संचालित कर रहा है, बल्कि अधिक से अधिक लोगों को भी अपने साथ जोड़ने का कार्य कर रहा है।
सभी पाकिस्तान में आईएसआई के हैंडलर हैं। यूपी के लोगों को बहकावे में लेकर आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है। हैंडलरों के पाकिस्तान में होने के कारण जांच एजेंसियां भी उनको पकड़ने में नाकाम साबित हो रही हैं। हालांकि, एजेंटों को समय-समय पर गिरफ्तार कर आईएसआई एजेंटों के नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
25 वर्ष में पकड़े जा चुके हैं 18 आईएसआई एजेंट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का नेटवर्क बहुत पुराना है। 25 वर्ष के भीतर 18 आईएसआई एजेंट अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें 16 स्थानीय हैं जबकि दो बाहरी हैं।
पिछले ढाई दशक की बात करें तो अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक पाकिस्तानी और दूसरा जम्मू कश्मीर का आईएसआई एजेंट पकड़ा गया है। बाकी आईएसआई एजेंट मेरठ और आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं, जिनमें हनी ट्रैप के जरिए भारतीयों को फंसाकर गोपनीय जानकारियां हासिल की गई हैं।