दिल्ली के प्रदूषण से उत्तराखंड के पहाड़ों में हुए ऐसा, जानकर चौक उठे लोग

दिल्ली एनसीआर में भारी प्रदूषण के चलते पहाड़ों पर ऑटम सीजन को संजीवनी मिल गई है। अल्मोड़ा, नैनीताल, मसूरी सहित उतराखंड के कई पर्यटक स्थलों में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। यहां अक्तूबर में आपदा के बाद एक दम ठंडा पड़ा पर्यटन कारोबार अचानक उछाल मारने लगा है।

नगर और इसके आसपास के पर्यटक स्थलों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है। लोग इस बीच खुशनुमा मौसम में गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे हैं।

कोसी से लगा कटारमल सैलानियों को आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कटारमल उत्तर भारत के सूर्य मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कत्यूरी काल के 9वीं सदी के बने यहां छोटे-बढ़े कई मंदिर हैं। अक्तूबर से नवंबर के बीच के ऑटम सीजन रहता है, अक्तूबर में आई आपदा के चलते यहां मौजूद सैलानी जहां चले गए थे वहीं अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के बाधित रहने से आवागमन प्रभावित हुआ था, लेकिन दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के चलते सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। खूबसूरत बिनसर सैलानियों की पसंद बना हुआ है। यहां पहुंचे सैलानी गुनगुनी धूप का भरपूर आनंद ले रहे हैं, कारोबारी इससे खुश हैं।

नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में सर्दी का सितम लगातार बढ़ रहा है। बिनसर में राता का पारा लुढ़कर एक डिग्री तक पहुंच रहा है। हालांकि दिन में धूप खिलने से लोगों को सर्दी के सितम से कुछ हद तक राहत है।

आपदा कंट्रोल से मिली जानकारी अनुसार मंगलवार को जिला मुख्यालय में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि पर्यटक स्थल बिनसर में न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा रानीखेत, जागेश्वर, धौलछीना समेत कई अन्य पर्यटक स्थलों में भी रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है।

कोणार्क के सूर्य मंदिर की जानकारी थी लेकिन इंटनरेट में कटारमल में भी सूर्य मंदिर होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद यहां आने का कार्यक्रम तय किया। यहां आकर मंदिर परिसर काफी अच्छा लगा।

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