ये बैटरी 30 फीसदी घटा देगी इलेक्ट्रिक कार की कीमत, फटाफट होगी चार्ज
दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है. इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाला व्यक्ति ईवी बैटरी की ज्यादा कीमतों को लेकर हमेशा चिंतित रहता है. फिलहाल ईवी में लिथियम ऑयन बैटरियों का इस्तेमाल हो रहा है. ये बैटरियां काफी महंगी हैं. इनका प्राइस वाहन की कीमत का 40 फीसदी तक हो सकता है. लेकिन, अब कुछ कंपनियों ने सोडियम आयन बैटरी भी बना दी है. सोडियम आयन बैटरी आने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत 30 फीसदी तक घटने की उम्मीद है. इसका मतलब है कि अगर लिथियम आयन की जगह टाटा नेक्सन ईवी में यह बैटरी लग जाए तो इसकी कीमत 14.75 लाख रुपये से घटकर 10 लाख रुपये हो सकती है.
दुनिया में अब सोडियम आयन बैटरियों को लेकर जबरदस्त उत्साह दिख रहा है. दुनिया में लिथियम आयन बैटरियों सबसे बड़ी निर्माता कंटेम्परेरी एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजी (CATL) ने भी सोडियम-आयन बैटरियों का निर्माण करने की घोषणा की है. यह चीन की कंपनी है. चीन की दूसरी कंपनी BYD सोडियम-आयन बैटरी का उत्पादन करने वाली है. इन दोनों से ही दो कदम आगे बढ़कर चीन की ही कंपनी हिना बैटरी टेक्नोलॉजी ने तो सोडियम आयन बैटरी बना भी दी है. भारत में भी पुणे बेस्ड केपीआईटी टेक्नोलॉजीज ने सोडियम-आयन बैटरी तकनीक का एक छोटे समूह में आंतरिक परीक्षण किया गया है.
सोडियम आयन बनाम लिथियम आयन बैटरी
सोडियम आयन और लिथियम-आयन दोनों रिचार्जेबल बैटरी प्रौद्योगिकियां हैं, लेकिन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं. लिथियम-आयन बैटरी में सोडियम-आयन बैटरियों की तुलना में अधिक ऊर्जा घनत्व होता है. इसका मतलब है कि लिथियम-आयन बैटरी प्रति यूनिट वजन या आयतन में अधिक ऊर्जा संग्रहीत और वितरित कर सकती है. इस वजह से ये सोडियम आयन बैटरी की तुलना में ज्यादा ड्राइविंग रेंज दे सकती है.
कीमत
सोडियम-आयन बैटरी की कीमत लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना काफी कम होने की संभावना है. लीथियम की सप्लाई लिमिटेड है, जबकि डिमांड बहुत अधिक है. लिथियम की कीमत 80 हजार डॉलर प्रति टन है. वहीं, सोडियम हाइड्रॉक्साइड की कीमत करीब 800 डॉलर प्रति टन है. वहीं दूसरी ओर दुनिया में लीथियम की तुलना में सोडियम का भंडार सैकड़ों गुना अधिक है. इसी वजह से सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन के मुकाबले 30 फीसदी तक सस्ती हो सकती है.
चार्जिंग टाइम
सोडियम आयन बैटरी की डेंसिटी काफी कम होती है. जबकि लिथियम आयन बैटरी की डेंसिटी काफी ज्यादा होती है. ऐसे में सोडियम आयन बैटरी की चार्जिंग स्पीड भी लिथियम के मुकाबले दोगुनी तक होती है. यानी चार्जिंग के मामले में सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन पर भारी पड़ती है.
टेंपरेचर का प्रभाव
सोडियम आयन बैटरी की परफॉर्मेंस पर तापमान का कोई असर नहीं होता. यह लो और हाई टेंपरेचर में भी बेहतर परफॉर्म करती हैं. इसका सीधा-सा मतलब ये है कि गर्मी और सर्दी के मौसम में इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं आती. लेकिन, लिथियम आयन बैटरी तापमान के प्रति संवेदनशील है. अत्यधिक कम या ज्यादा तापमान में बैटरी दिक्कत देनी शुरू कर देती है.
सेफ्टी
पिछले कुछ वर्षों में लिथियम-आयन बैटरियों को बड़े पैमाने पर विकसित और परिष्कृत किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप एक परिपक्व और सुरक्षित तकनीक सामने आई है. सोडियम-आयन बैटरियां अपेक्षाकृत नई हैं और अभी भी अनुसंधान एवं विकास के दौर से गुजर रही हैं. इसलिए अभी ये कहना मुश्किल है कि ये लिथियम आयन से ज्यादा सुरक्षित है या नहीं.