देश में विकास के नए कीर्तिमान गढ़ रहा ‘वाइब्रेंट गुजरात’, 2003 से आया इतने अरब डॉलर का FDI
देश में विकास के नए कीर्तिमान ‘वाइब्रेंट गुजरात’ गढ़ रहा है। आपको बता दें कि गुजरात में निवेश आकर्षित करने के लिए वर्ष 2003 से हर दो साल पर आयोजित होने वाले ‘वाइब्रेंट गुजरात’ वैश्विक शिखर सम्मेलन के जरिये राज्य को बीते दो दशकों में 55 अरब डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाने में मदद मिली है।
गुजरात सरकार के अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2002 और 2022 के बीच बड़े पैमाने पर एफडीआई जुटाने में मदद की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने पिछले 20 वर्षों में 55 अरब डॉलर का एफडीआई आकर्षित किया है। इसके मुताबिक, वर्ष 2022-23 में गुजरात को 37,059 करोड़ रुपये यानी 4.9 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल हुआ।
ऑटो सेक्टर में सबसे अधिक एफडीआई मिला
गुजरात के ऑटो सेक्टर में सर्वाधिक 13 प्रतिशत एफडीआई मिला, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह अनुपात सिर्फ पांच प्रतिशत है। उद्योग जगत के दिग्गजों का मानना है कि वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन (वीजीजीएस) राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ विकसित हुआ है। साधारण शुरुआत के बाद से यह राज्य में विदेशी निवेश के लिए प्रवेश द्वार साबित हुआ है। इस निवेशक सम्मेलन का 10वां संस्करण गांधीनगर में 10-12 जनवरी को आयोजित होने जा रहा है जिसका विषय ‘भविष्य का प्रवेश-द्वार’ रखा गया है। देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, “बात यह है कि निवेशक विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होना चाहते हैं। लिहाजा अगर जगह आपके विनिर्माण को घरेलू बाजार और निर्यात बाजार दोनों में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करती है तो विनिर्माण में मदद करने के मामले में गुजरात सबसे अच्छा है।
फॉर्च्यून-500 सूची की कई कंपनियों ने राज्य में निवेश किया
गुजरात के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने पिछले महीने हैदराबाद में वाइब्रेंट गुजरात रोडशो को संबोधित करते हुए कहा था कि गुजरात की एफडीआई-अनुकूल नीतियों का प्रमाण यह है कि फॉर्च्यून-500 सूची में शामिल कई कंपनियों ने राज्य में निवेश किया है। उन्होंने कहा, “देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 282 अरब डॉलर के साथ गुजरात का अंशदान 8.3 प्रतिशत है। राज्य ने 2002 से 2022 तक कुल मिलाकर 55 अरब डॉलर का एफडीआई हासिल किया है।” इस सम्मेलन के शुरुआती संस्करणों में कोई भागीदार देश नहीं होता था लेकिन इसके 2019 संस्करण में 15 देश भागीदार बने थे। आगामी संस्करण में ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जर्मनी, फिनलैंड, ब्रिटेन और नीदरलैंड समेत 28 देश पहले ही भागीदार बनने की पुष्टि कर चुके हैं।