राम मंदिर का निमंत्रण न मिलने पर उद्धव ठाकरे का एलान, 22 को गोदावरी तट पर करेंगे महाआरती
अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए लोगों को घर-घर जाकर निमंत्रण दिया जा रहा है। इस समारोह के लिए बालासाहेब उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना को अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है। इस बीच, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी के नेता 22 जनवरी को नासिक में स्थित कालाराम मंदिर जाएंगे और गोदावरी नदी के तट पर महाआरती करेंगे।
जब मन होगा, तब…
ठाकरे ने अपनी मां दिवंगत मीना ठाकरे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात की। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी उनका मन होगा, वह अयोध्या जाएंगे।
गर्व और स्वाभिमान की बात
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक होना गर्व और स्वाभिमान की बात है। उस दिन हम शाम साढ़े छह बजे कालाराम मंदिर जाएंगे, जहां डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और समाज सुधारक साने गुरुजी ने विरोध प्रदर्शन किया था। शाम साढ़े सात बजे हम गोदावरी नदी के तट पर महाआरती करेंगे।’
क्यों पड़ा मंदिर का नाम कालाराम
बता दें, नासिक के पंचवटी इलाके में स्थित कालाराम मंदिर भगवान राम को समर्पित है। मंदिर का नाम काले पत्थर से बनाई गई भगवान राम की मूर्ति से लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ पंचवटी में रुके थे। सन् 1930 में डॉ आंबेडकर ने मंदिर में दलितों के प्रवेश की मांग के लिए कालाराम मंदिर में एक विरोध प्रदर्शन किया था।
23 को निकालेंगे रैली
अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक समारोह 22 जनवरी को होगा। ठाकरे को इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने 23 जनवरी को अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की जयंती पर नासिक में एक रैली आयोजित करने की बात कही है।
रामलला सभी के हैं
ठाकरे ने पिछले शनिवार को बताया था कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा था कि अयोध्या जाने के लिए किसी के बुलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि रामलला सभी के हैं। जब भी मन करेगा, वह जाएंगे। शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन में बहुत योगदान दिया है।