वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की GDP 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान, एनएसओ ने जारी किए आंकड़े
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को अनुमानित आंकड़े जारी किए गए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान हैं, जो पिछले वर्ष 7.2 प्रतिशत थी। अनुमान के मुताबिक, इसकी बढ़ोतरी का कारण खनन और उत्खनन, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के कुछ क्षेत्रों का अच्छा प्रदर्शन हैं।
NSO ने जारी की वित्त वर्ष के लिए अनुमानित आकंड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2022-23 में 1.3 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 6.5 होने का अनुमान हैं। वहीं, खनन क्षेत्र की वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 8.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2022-23 में 4.1 प्रतिशत थी।
कई क्षेत्रों में दिखेगी वित्त वर्ष 2024 में तेजी
एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय सेवाओं, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में वित्त वर्ष 2023 में 7.1 प्रतिशत की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने का अनुमान हैं। एनएसओ बयान में कहा गया है कि वर्ष 2023-24 में 171.79 लाख करोड़ रुपये का स्तर प्राप्त करने का अनुमान हैं, जबकि वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 160.06 लाख करोड़ रुपये हैं। वहीं 2023-24 के दौरान वास्तविक जीडीपी में वृद्धि 2022-23 में 7.2 फीसदी की तुलना में 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है।
वर्तमान अनुमान के मुताबिक, अर्थव्यवस्था का आकार 2023-24 के दौरान 296.58 लाख करोड़ रुपये या 3.57 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान हैं। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण खंड से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर 2022-23 में 14 प्रतिशत से कम होकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। निर्माण क्षेत्र चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 10 फीसदी से बढ़कर 10.7 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है। सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि वित्त वर्ष 2013 में 7.2 प्रतिशत के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में 7.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान हैं।