एटा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के इंतजार में वृद्ध की मौत, आखिर क्या है सच; सीएमएस के दर्ज होंगे बयान
एटा मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में 30 सितंबर 2023 की रात एक वृद्ध मरीज की मौत हुई थी। परिजन ने ऑक्सीजन के अभाव से मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मामले में अभी तक जांच चल रही है। स्वास्थ्य कर्मियों सहित मृतक के परिजन के बयान दर्ज किए गए हैं। अब सीएमएस के बयान दर्ज होंगे।
गांव सोंहार निवासी रामजी मिश्रा (60) को 30 सिंतबर की रात करीब 9 बजे परिजन मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे। यहां चिकित्सकों ने उन्हें इलाज के लिए भर्ती कर लिया था। इनको एमडीआर टीबी मरीज बताया गया था। करीब 15 मिनट बाद इनकी मौत हो गई। मृतक के भतीजे अमित मिश्रा ने बताया कि गंभीर हालत में उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी। लेकिन यहां ऑक्सीजन बिल्कुल भी नहीं थे। इसके चलते वह तड़पते रहे और दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद परिजन हंगामा कर दिया था। आरोप था कि लापरवाही से मौत हुई है।
चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों से जमकर वाद-विवाद हुआ। जिसके बाद चिकित्सक और कर्मचारी वहां से चले गए थे। हंगामे की सूचना पर सदर तहसील के नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। उन्होंने वहां अभिलेख आदि चेक किए। साथ ही मृतक के परिजन व स्वास्थ्य कर्मियों के बयान लिए थे। परिजनों का आरोप था कि ऑक्सीजन के अभाव में मौत हुई है। मामले में एसडीएम सहित एसीएमओ की डीएम ने कमेटी बनाई। कमेटी द्वारा स्वस्थ्य कर्मियों के बयान लिए गए हैं।
कमेटी ने मृतक के परिजनों के बयान भी दर्ज किए है। वर्तमान में उसकी जांच चल रही है। जबकि तीन माह मामले में व्यतीत हो गए हैं। हालांकि इमजरेंसी ड़्यूटी पर तैनात रहे चिकित्सक डॉ. शिवप्रताप का कहना है कि मरीज की मौत हार्टअटैक की वजह से हुई थी। जबकि टीबी मरीज के फेफड़ों में काफी ज्यादा पानी भरा हुआ था। इमरजेंसी में ऑक्सीजन पर्याप्त थी। ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। वहीं मामले में सीएमएस डॉ. अशोक कुमार के बयान होना है।
एसीएमओ डॉ. राममोहन तिवारी ने बताया कि ऑक्सीजन के अभाव में मौत के मामले में स्वास्थ्य कर्मियों सहित मृतक के परजिनों के बयान दर्ज कर लिए गए है। सीएमएस के बयान लेने को बचे हैं। उनका तबादला होने के कारण उन्हें सूचना दे दी गई है। जल्द ही उनके बयान हो जाएंगे। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।