नीरज चोपड़ा फिर बने एशियन चैंपियन, गोल्ड मेडल पर किया कब्जा, किशोर ने जीता सिल्वर

19वें एशियन गेम्स में भारत की झोली में 17वां गोल्ड मेडल आ गया है. हर उम्मीद को सही साबित करते हुए ये गोल्ड मेडल दिलाया है वर्ल्ड चैंपियन नीरज चोपड़ा ने. भारतीय स्टार ने पुरुषों के जैवलिन थ्रो फाइनल में 87.88 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड अपने नाम किया.

इसके साथ ही नीरज ने अपने खिताब का भी सफलतापूर्वक बचाव किया. नीरज ने ही 2018 के गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. भारत के लिए ये फाइनल इसलिए भी अच्छा रहा क्योंकि सिल्वर मेडल भी भारत के ही किशोर जेना ने जीता.

हांगझू गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन लगातार बेहतरीन रहा. अलग-अलग इवेंट्स में भारतीय एथलीट्स ने लगातार कई मेडल जीते हैं और बुधवार 4 अक्टूबर की शाम भी बेहद खास रही क्योंकि जैवलिन थ्रो का फाइनल था. नीरज चोपड़ा अपने एशियन गेम्स के खिताब का बचाव करने उतरे थे. उनके सामने इस मुकाबले में ज्यादा टक्कर नहीं थी और जो टक्कर उन्हें मिली भी, वो अपने ही साथी किशोर जेना से मिली, जिन्होंने एक बार तो नीरज को भी पीछे छोड़ दिया था.

दो महीने पहले ही वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले नीरज के ही इस बार भी चैंपियन बनने की उम्मीद थी. नीरज की संभावनाएं और भी ज्यादा मजबूत इसलिए हुई क्योंकि उनके सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अरशद नदीम चोट के कारण बाहर हो गए थे. हालांकि, उन्हें अपने ही देश के किशोर जेना ने जोरदार टक्कर दी, जिसने नीरज को धीमी शुरुआत से जगाने का काम किया. अपने पहले 3 थ्रो में नीरज ज्यादा असरदार नहीं दिखे और उनका बेस्ट थ्रो 84.49 मीटर ही था. वहीं किशोर शुरुआती दो थ्रो के बाद दूसरे स्थान पर थे.

तीसरे थ्रो के साथ किशोर ने नीरज समेत हर किसी को चौंका दिया. किशोर ने 86.77 मीटर थ्रो के साथ ही नीरज को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया. ये किशोर के करियर का भी बेस्ट थ्रो था. इसने नीरज को भी जगाने का काम किया और भारतीय स्टार ने अगले ही थ्रो में 88.88 मीटर थ्रो के साथ फिर से पहला स्थान हासिल किया और उलटफेर की आशंकाओं को खत्म किया. ये नीरज का इस सीजन में भी बेस्ट थ्रो था.

किशोर ने भी हालांकि आसानी से हार नहीं मानी और उभरते हुए भारतीय एथलीट ने फिर से अगले थ्रो में जबरदस्त दूरी हासिल की. इस बार किशोर ने 87.54 मीटर तक जैवलिन फेंका और अपने रिकॉर्ड में बड़ा सुधार किया. वो नीरज को पहले स्थान से तो नहीं हटा सके लेकिन एशियन गेम्स में अपना पहला मेडल जीतने में सफल रहे. इसके साथ ही किशोर ने पेरिस ओलिंपिक 2024 के लिए भी क्वालिफाई किया.

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