सचिन तेंदुलकर द्वारा पहले मैन ऑफ द मैच की शैंपेन बोतल को 8 साल बाद खोलने के पीछे आखिर क्या थी वजह ?

 1989 में जब सचिन रमेश तेंदुलकर ने टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया तो वे भारत की तरफ से इन फॉर्मेट में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।

सचिन तेंदुलकर को 1990 में पहला टेस्ट शतक जड़ने के बाद मैनचेस्टर में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। उस दौरान उन्हें पुरस्कार में शैंपेन का बॉटल मिली लेकिन तब सचिन 18 साल के नहीं हुए थे और उन्होंने वह बॉटल नहीं खोली।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सचिन ने 8 साल तक वह बॉटल अपने पास रखी और बेटी सारा के पहले बर्थडे पर उन्होंने शैंपेन की वह बॉटल खोली।सचिन तेंदुलकर ने 17वें जन्मदिन से लेकर 25वें जन्मदिन तक लगातार क्रिकेट खेला और एक भी मैच मिस नहीं किया। इस दौरान उन्होंने कुल 239 मैच खेले।

185 वनडे और 54 टेस्ट मैच शामिल रहे। यह भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है।सचिन तेंदुलकर ने वनडे में 22 साल 91 दिनों तक क्रिकेट खेला जबकि टेस्ट क्रिकेट में वे 24 साल 1 दिन तक खेलते रहे। यह किसी भी क्रिकेटर का सबसे लंबा करियर है।

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