वीरभद्रासन करने से शरीर को मिलता है ये लाभ
सूर्य नमस्कार योगा का ये आसन सबसे प्रसिद्ध है। सूर्य नमस्कार का मतलब होता है, सूरज का अभिवादन करना। इस योगासन में 12 योग मुद्राओं को शामिल किया गया है।
ये योगासन पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। सूर्य नमस्कार को 10 से 15 मिनट तक करना काफी होता है। इसमें शरीर की पानी की मात्रा संतुलित रहती है और अनावश्यक तत्व बाहर निकल जाते हैं। इस आसन से शरीर के लगभग हर अंग की कसरत हो जाती है।
इस योगासन में अपने दोनों पैरों को फैलाकर हाथों को बाहर की ओर खोलते हैं। फिर सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर लाते हैं। अब कमर को नीचे की ओर करते हुए नीचे देखना होता है। इसके बाद सीधी हथेली को जमीन पर रखते हैं। वहीं उल्टे उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाते हैं। यह प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराई जाती है।
वीरभद्रासन को योद्धा मुद्रा कहते हैं। इस आसन में आपकी पोजीशन पहाड़ों पर जाने वाली मुद्रा के जैसी होती है। इसमें अपने पैर को पीछे की ओर खींचते हुए दूसरे पैर को आगे कूदने की पोजीशन में बना लें।
फिर हाथों को जोड़कर सिर को ऊपर तक से जाएं। अब अपने हाथ को छाती के सामने ले जाते हुए खींचे हुए पैरों को सीधा कर लें। फिर दूसरे पैर को अभी भी 90 डिग्री पर रखें और दोनों हाथों को खींचकर बाहर की तरफ फैला लें।
इस आसन को करने के लिए पैरों पर बैठकर उन्हें आगे की ओर खींचें। अब अपने हाथों को हिप्स के पीछे ले जाएं और पैरों की तरफ करें। फिर पैरों से शरीर को ऊपर की तरफ उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाने की कोशिश करें। यह पोजिसन पुश-अप करने की मुद्रा का ठीक उल्टी होती है। यह आसन से आपकी पीठ, कंधों, हाथ, रीढ़ की हड्डी, कलाई और जंग लगी मांसपेशियों के लिए अच्छा है।