हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से मजबूरन अडानी ग्रुप को अब बनना पड़ेगा Adani 2.0

संकट में फंसे अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी अमेरिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के साथ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस चुके हैं.  हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट ने ना सिर्फ गौतम अडानी, बल्कि अडानी ग्रुप की पूरी दुनिया ही एक हफ्ते में बदल दी.

अडानी ग्रुप को 118 अरब डॉलर की मार्केट वैल्यू का नुकसान हुआ है. अब अडानी समूह को हिंडनबर्ग रिसर्च से हर्जाने के रूप में 150 अरब डॉलर चाहिए. लेकिन क्या संकट से बाहर आने का सही तरीका होगा? हम आपको बता रहे हैं  गौतम अडानी को तत्काल में निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल में मदद कर सकती हैं, जिससे अडानी ग्रुप अब Adani 2.0 बन सकता है.

इस कंपनी की सफलता को ऐसे समझ सकते हैं कि जब एलन मस्क ने Twitter Deal के 44 अरब डॉलर देने से मना कर दिया था, तब ट्विटर ने भी इसी फर्म की सहायता ली थी. माना जाता है कि वाचटेल के वकील काफी महंगे होते हैं. यह लॉ फर्म अमेरिका की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली लॉ कंपनियों में से एक है. इस लॉ फर्म में काम करने वालों को औसतन हर साल 80 करोड़ डॉलर मिलते हैं.

ऐसे में हिंडनबर्ग रिसर्च के साथ उलझे रहने के बजाय अडानी ग्रुप के पास ये 5 अन्य तरीके हैं, जो निवेशकों और लोगों में कंपनी को लेकर दोबारा भरोसा पैदा कर सकें.

पहले गौतम अडानी अपने कारोबार को कंसोलिडेट करने का काम कर सकते हैं. इसका मतलब केवल मजबूत कंपनियों को साथ रखने का काम कर सकते हैं. बीते एक दशक में अडानी ग्रुप ने आश्चर्यजनक रूप से तेज ग्रोथ की है.

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