सैनिक शासन विरोधी समूहों पर हो रहा रूसी हथियारोंसे हमला, क्या बढ़ सकती हैं इससे परेशानी
म्यांमार में सैनिक शासन विरोधी समूहों पर हो रही हवाई बमबारी में रूस से मिले लड़ाकू विमानों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। देश के कई अल्पसंख्यक नस्लीय समूह भी ऐसे हमलों का शिकार बन रहे हैं।
म्यांमार की वायु सेना ने रूस मे बने याक-130 जेट विमानों और एमआई-35 हेलीकॉप्टरों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। इनके जरिए सरकार विरोधी गुटों के प्रभाव वाले इलाकों पर बमबारी की गई है, जिसका शिकार कई आम नागरिकों की बस्तियां भी बनी हैं।
मानव अधिकार संगठनों का आरोप है कि सैनिक शासक आम लोगों की बस्तियों को निशाना बना कर ‘युद्ध अपराध’ कर रहे हैं। इस संगठनों का आरोप है कि रूस इस ‘अपराध’ में म्यांमार का सहायक बना है।
म्यांमार के गृह युद्ध में इनका इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी थिंक टैंक जेन्स इन्फॉर्मेशन ग्रुप ने खबर दी थी कि उसे म्यांमार में रूसी हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल होने की सूचना मिली है। रूस में बने केमोव केए-29 टीबी हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल उत्तरी सगैन क्षेत्र में सैन्य शासन विरोधी समूहों के खिलाफ किया गया है।