UNHRC में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर हुई वोटिंग से भारत ने क्यों बनाई दूरी ?

 यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइटस काउंसिल (UNHRC) ने चीन में उइगरों मुस्लिम की स्थिति पर बहस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। गुरुवार को प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। संयुक्त राष्ट्र की इस शीर्ष मानवाधिकार संस्था ने रूस के मानवाधिकार रिकार्ड की पड़ताल में तेजी लाने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ नियुक्त करने के वास्ते शुक्रवार को मतदान किया।

UNHRC के 47 सदस्य हैं। चीन विरोधी यह प्रस्ताव गिरने से कई मुस्लिम देशों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।UNHRC के आने वाले हाईकमिश्नर के सामने हम ये प्रस्ताव रखेंगे कि वो चीन में उइगरों की रिपोर्टस को काउंसिल में पेश करें। हमारा प्रयास होगा कि इंटरनेशनल लेवल पर अन्य देशों के सामने भी चीन की करतूत सामने लाएं।

UNHRC यानी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उइगर मुस्लिमों की स्थिति पर पर बहस का प्रस्ताव ह्यूमन राइट कोर ग्रुप में शामिल कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका लाए थे। तुर्की भी शामिल था।

चीन ने अपने नॉर्थ-वेस्ट इलाके के शिंजियांग प्रांत में रहने वाले 10 लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों का हनन कर रहा है। चीन ने इन्हें री-एजुकेशन कैंप में बंधक बना रखा है। इस प्रस्ताव के समर्थन में जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश थे जो इस प्रस्ताव पर UNHRC में बहस चाहते थे। वहीं, भारत, मलेशिया, मेक्सिको और यूक्रेन जैसे देश इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान दूरी बनाई व सदन से गैर-हाजिर रहे।

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