80 हजार मीट्रिक टन मलबे में तब्दील हुआ ट्विन टावर, ढहाने पर 17.5 करोड़ रुपये का हुआ खर्च
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के बाद 80 हजार मीट्रिक टन मलबा हटाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के सुप्रीम काेर्ट के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई।
दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुबमीनार (73 मीटर) से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से धराशायी किया गया। इसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।
देश में पहली बार 100 मीटर से ऊंची इमारत को ढहाने के दृश्य को देखने के लिए लोग उत्सुक रहे। छतों, सड़कों और फ्लाईओवर पर जहां जगह मिली अपने कैमरे में कैद करने की होड़ मची रही।
जब ये टावर सफलतापूर्वक टावर ढहा दिए गए तो लोगों की खुशी का भी ठिकाना नहीं रहा। कहीं मिठाइयां बंटी तो कहीं पूजा अर्चना कर भगवान का शुक्रिया अदा किया।ये भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंचे ढांचे थे।
अधिकारियों ने कहा कि ट्विन टावर गिराये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं, हालांकि, विस्तृत ऑडिट जारी है।इसके अलावा हमें इन टावर में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है।’ अरोड़ा ने कहा कि अदालत ने भले ही इन टावर को गिराने का आदेश दिया.