बिहार में राजद और कांग्रेस के बीच पड़ चुकी गहरी दरार ,चुनाव अकेले लड़ने पर विचार
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच गठबंधन में गहरी दरार पड़ चुकी है। दोनों पार्टियां उपचुनाव और एमएलसी चुनाव में अलग-अलग लड़ चुके हैं। अब प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को मजबूत करने के लिए अगले बिहार चुनाव में अकेले उतरने की गुहार लगाई है।
उदयपुर में चल रहे पार्टी के तीन दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने रविवार को गठबंधन सहयोगियों संग समझौता करने के बजाय पार्टी को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
शर्मा ने रविवार को शिविर के अंतिम दिन कहा, ‘हमें दूसरों के सामने झुकने की जरूरत नहीं है। बल्कि इसके बजाय हमें अपनी पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा। यदि हम लगातार दूसरी पार्टियों द्वारा कम आंका जाता रहेगा तो इससे कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाता है और उनका मनोबल गिरता है।’ उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आने पर गठबंधन के साथ चुनाव संबंधी रणनीति तय की जा सकती है।
बातचीत में उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम समान विचारधारा वाले दलों के संपर्क में रहेंगे क्योंकि भाजपा को हराना मुख्य प्राथमिकता है।’ शर्मा ने शिविर की बैठक में अपने विचार रखे, जिसमें प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, कमलनाथ और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया। यह पूछे जाने पर कि पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने क्या प्रतिक्रिया दी इसपर शर्मा ने जवाब दिया कि सभी बातों को नोट कर लिया गया है। अब यह पार्टी आलाकमान पर निर्भर करता है।
उन्होंने आगे प्रियंका गांधी का उदाहरण दिया, जिन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया था। कड़वा से विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के राष्ट्रीय सचिव शकील अहमद खान ने विचारधारा को स्पष्ट करने की आवश्यकता की ओर इशारा किया। खान, जो उस समूह का हिस्सा हैं, जिसने ‘अर्थव्यवस्था’ पर विचार-मंथन को लेकर सत्र आयोजित किया था, ने कहा कि जनसंपर्क बढ़ाना महत्वपूर्ण है, खासकर बिहार के विषय में।