नवचिंतन शिविर में जा रहे राहुल गांधी , कार्यकर्ताओं ने भेट की सूत की माला
कांग्रेस के नवचिंतन शिविर में जा रहे राहुल गांधी को पार्टी कार्यकर्ताओं ने सूत की माला भेंट की। राहुल ने माला को स्वीकार किया और बुजुर्ग के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद भी लिया।
सूत की माला महात्मा गांधी को बहुत पसंद थी, इसमें सादगी दिखाई देती है इसलिए कांग्रेस में भी सूत की माला पहनाने की परंपरा है। चित्तौड़गढ़ से उदयपुर तक सुबह 5 बजे से पौने आठ बजे के बीच कपासन, फतहनगर, मावली, राणाप्रताप नगर में स्टेशनों पर राहुल गांधी के स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा रही।
सूत की माला का उपयोग महात्मा गांधी के निधन के बाद तब ज्यादा होने लगा जब प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन ने ‘सूत की माला’ शीर्षक से ही कविता लिखी थी। यह कविता उन्होंने महात्मा गांधी के निधन के चालीस दिन बाद दिल्ली पहुंचने पर लिखी थी। बापू के घर का स्मरण करते हुए हरिवंश राय बच्चन ने लिखा था
बिरला-घर के बाएँ को है है वह लॉन हरा,
प्रार्थना सभा जिस पर बापू की होती थी,
थी एक ओर छोटी सी वेदिका बनी,
जिस पर थे गहरे
लाल रंग के
फूल चढ़े।
उस हरे लॉन के बीच देख उन फूलों को
ऐसा लगता था जैसे बापू का लोहू
अब भी पृथ्वी
के ऊपर
ताज़ा ताज़ा है!
हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर दाहोद में कुछ कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को सूत की माला भेंट की थी। उन्होंने दाहिने हाथ में सूत की माला ली। इसके बाद उन्होंने सूत की माला को नीचे सरका दिया। इसके बाद सूत की माला एक पाइप पर लटका दी गई। यह वीडियो वायरल हो गया कि सूत की माला का राहुल ने अपमान किया है। भाजपा नेताओं ने यह वीडियो ट्वीट कर लिखा कि बापू के प्रदेश में ही उनकी पसंदीदा सूत की माला का अपना किया गया है। इसके बाद कांग्रेस ने भी जवाब दिया था कि राहुल की सभा में आई भीड़ को भाजपा के लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।