यूपी विधान परिषद में बीजेपी को मिली बहुमत, सपा का नहीं खुला खाता
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के ठीक एक महीने बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक और इतिहास रच दिया है। भगवा दल ने पहली बार उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में बहुमत हासिल कर लिया है।
भाजपा अब विधान परिषद की 100 में से 64 सीटों पर काबिज हो गई है। इससे योगी सरकार की ताकत और बढ़ गई है। सरकार अब अपने दम पर कानून दोनों सदनों से पारित करा सकती है। वहीं, सपा को मिली करारी हार से विपक्ष दल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पहले से बगावत का सामना कर रहे अखिलेश यादव की चुनौतियां बढ़ेंगी।
स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से विधान परिषद की रिक्त 36 सीटों में से 33 पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत हासिल कर चुके थे तो मंगलवार को 24 और सीटों पर विजेता घोषित हुए। समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए परिणाम बेहद निराशाजनक रहे हैं। एक भी सीट पर पार्टी का खाता नहीं खुल सका है। वहीं, 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
भारतीय जनता पार्टी को विधान परिषद चुनाव में 3 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़ा झटका वाराणसी में लगा है, जहां पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर हैं। यह सबसे बड़ा झटका इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह पीएम मोदी की संसदीय सीट है। वाराणसी में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की है।
आजमगढ़ में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां भाजपा से ही निकाले गए नेता के बेटे विक्रांत ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा प्रतापगढ़ सीट पर भी भाजपा को हार मिली है। यहां राजा भैया की पार्टी के अक्षय प्रताप को जीत मिली है।