यूक्रेन में फंसे छात्रों का कुशीनगर प्रशासन ने बनाया ये, हौंसला बढाने में जुटा…
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच कुशीनगर के भी 21 छात्र फंसे हुए हैं। यहां उनके परिवारीजनों की सांसें अटकीं हुई हैं। जिला प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रदेश सरकार से मिलने वाली सूचनाओं को साझा कर लोगों का हौंसला बढाने में जुटा हुआ है।
कुशीनगर जिला प्रशासन ने यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवारीजनों से एक दिन पूर्व सूचना मांगकर प्रदेश सरकार के माध्यम से भारत सरकार को भेजा था। एडीएम देवीदयाल के हवाले जिला प्रशासन के आपदा लिपिक रवि राय ने बताया कि कुशीनगर के कुल 18 छात्र यूक्रेन में एमबीबीएस पढाई के दौरान फंसे होने की जानकारी अब तक मिली है। इनमें से अधिकांश छात्र यूक्रेन से निकलकर रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गये हैं तथा कुछ छात्रों को रोमानिया में इंट्री हो गई है।
कुछ छात्र अभी यूक्रेन में सुरक्षित फंसे हुये हैं। इन छात्रों के अभिभावकों का तथा कुछ छात्रों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इससे कि इन छात्रों से संवाद स्थापित कर जानकारी हासिल की जा सके। ग्रुप के माध्यम से अभिभावकों व छात्रों को हौंसला बनाये रखने के लिए टिप्स भी दिया जा रहा है तथा सरकार से मिलने वाली जानकारियों के बारे में साझा किया जा रहा है।
तीन लोगों ने नहीं शेयर की जानकारी:पटेरा बुजुर्ग निवासी इलियास अंसारी का बेटा मुहम्मद असद, पडरौना के छावनी निवासी मेहरुद्दीन अंसारी का बेटा मुहम्मद आलीम व पडरौना के इंदिरा नगर जमालपुर निवासी मोहसाब अली अंसारी का बेटा शहनवाज अंसारी यूक्रेन और रोमानिया बॉर्डर पर फंसा हुआ है।
नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के पिपरावर सिवान निवासी सफीद अली का बेटा आबिद अली खारकिव से निकलकर रोमानिया बॉर्डर पर फंसा हुआ है। आबिद पिछले दस दिसम्बर को यूक्रेन गया था। गांव के महाराणा प्रताप शर्मा की बेटी शस्त्रित्त्का भी रोमानिया बॉर्डर पर पहुंच गई है। सिंगहा निवासी महन्त गुप्ता का बेटा विनोद यूक्रेन में फंसा हुआ है।