रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात काफी खराब, यू्क्रेन में भारतीय छात्रों को मिली है ये सलाह
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में हालात काफी खराब हैं। वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए कई छात्र अभी वतन वापसी के इंतजार में हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन तहसील के उन्हेल नगर के दो छात्र भी मेडिकल पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए हुए थे।
दोनों छात्र घर से दूर हैं और घर पर मौजूद परिजन रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बने हालात से काफी परेशान हैं। साल 2019 में चयन होने के बाद छात्र अक्षत यूक्रेन की राजधानी कीव से 300 किलोमीटर दूर टर्नोपील नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना काल के बाद दिसंबर 2021 में वो मेडिकल की पढ़ाई के लिए गये थे। अब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होने के कारण वो वहीं फंसे हुए हैं और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं।
अक्षत के पिता जीवन जैन ने बताया कि बेटे अक्षत से व्हाट्सएप कॉलिंग माध्यम से चर्चा हुई है। अक्षत ने उन्हें बताया कि हम भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। अक्षत को बताया गया है कि अगर पहला सायरन बजे तो छात्र सतर्क रहें और अपने रूम की लाइट बंद कर दें। दूसरा सायरन बजे तो यहां से निकलने के इशारा बताया गया है, एवं अगर तीसरा सायरन बजता है तो उन्हें बताया गया है कि वो बंकर में शरण लें।
अक्षत के दो साथी भी उनके साथ हैं। भारतीय दूतावास छात्रों के लगातार संपर्क बनाए हुए है। अक्षत की माता सुनीता जैन अपने पुत्र को लेकर काफी चिंतित नजर आ रही हैं, क्योंकि अक्षत उनका एकलौता पुत्र है। वो सरकार से अपने बेटे को सुरक्षित लाने की मांग कर रही हैं।इसी तरह यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्र शुभांशु भी यूक्रेन में है। शुभांशु ने 3 माह पूर्व ही यूक्रेन की राजधानी कीव से 500 किलोमीटर दूर जेपरराइसे स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया था।
शुभांशु के पिता डॉक्टर ओम बैरागी से चर्चा हुई तो उन्होंने बताया कि बेटा अभी सुरक्षित है। वह अपने मित्रों के साथ यूनिवर्सिटी में है। उससे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से चर्चा की गई एवं बालक भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। शुभम की माता गिरजा बैरागी से चर्चा की गई तो उन्होंने भी भारत सरकार से अपने बालक को सुरक्षित लाने की मांग की है। वह इतनी बेचैन हैं कि बात करते-करते रोने लगती हैं।
बुरहानपुर जिले के एक गांव शाहपुर की बेटी रश्मि सूर्यवंशी भी एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थीं। रूस के हमले के बाद वो भी यूक्रेन में फंसी हुई हैं। परिवार वाले बेटी की चिंता में हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उनकी बेटी को सुरक्षित घर वापस लाया जाए।
इधर ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में पंडे पुजारियों द्वारा यूक्रेन और रूस में चल रहे यद्ध में फंसे भारत के छात्रों की सकुशल वापसी के लिए पूजा-पाठ कि गया। भगवान महाकाल के दरबार में महा रूद्र अभिषेक किया गया। भगवान महाकाल से प्रार्थना की गई कि सभी भारतीयों की जान सुरक्षित रहे और वह बच्चे जल्द अपने घर लौटे। बता दें कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए उज्जैन के 20 से अधिक बच्चे वहां रहते हैं।