भारत और नेपाल के बीच हुआ ये बड़ा समझौता, जानकर चौक जाएंगे आप भी…
भारत और नेपाल (India-Nepal Relation) ने 7 अक्टूबर को रक्सौल से काठमांडू को रेल से जोड़ने वाले एक प्रोजेक्ट के रिपोर्ट तैयार करने को लेकर समझौता ज्ञापन पर साइन किए हैं. इस प्रोजेक्ट पर 237 अरब रुपये का खर्च प्रस्तावित है.
ब्रॉड-गेज के तैयार के होने से नेपाल की राजधानी काठमांडू भारत के प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ जाएगी. इस ट्रैक के बन जाने से भारत और किसी और देश से माल सीधे काठमांडू पहुंचाया जा सकेगा. मौजूदा वक्त में विदेशी शिपमेंट बीरगंज पहुंचती है जहां से पूरे नेपाल को सामान भेजा जाता है.
भारत ने रक्सौल और काठमांडू को जोड़ने के लिए चार रेलवे लाइन का प्रस्ताव दिया है. नेपाल की ओर से जमीन की मंजूरी मिलने के पांच साल बाद प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा. 136 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक को भारत द्वारा नेपाल में चीन के प्रभाव को कम करने की दिशा में देखा जा रहा है. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अगले 18 महीने में तैयार किया जाएगा। इसे तैयार करने का खर्च भारत सरकार उठाएगी.
34 किलोमीटर लंबे जयनगर से कुर्था रेलखंड के बीच जल्द ही यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाएगा. इसे लेकर स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर पर साइन किए गए हैं. जयनगर-जनकपुर-कुर्था-बिजलपुरा-बर्दीबास रेलखंड के साथ ही जोगबनी-बिराटनगर रेलखंड के विकास पर भी चर्चा की गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 किलोमीटर लंबे कुर्था से बिजलपुरा ट्रैक भी जल्द पूरा होने को है.
इसके अलावा दोनों देशों ने भारत सरकार के अनुदान से विकसित की जा रही जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास और जोगबनी-विराटनगर ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों के चल रहे कार्यों पर चर्चा की. जयनगर (भारत) से कुर्था (नेपाल) तक रेलवे लाइन 34 किलोमीटर लंबी है. इस रेललाइन पर ट्रेनों के संचालन से भारत और नेपाल दोनों देशों ने लाखों नागरिकों को फायदा होगा.