उत्तराखंड : बारिश और बर्फबारी ने चुनाव प्रचार में डाली बाधा , प्रत्याशियों की बढ़ी चुनौतियां

विधानसभा चुनाव को लेकर विधायक प्रत्याशी प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। प्रत्याशी नामांकन भरने के बाद 31 जनवरी तक कोविड गाइडलाइन के तहत प्रचार करते नजर आए।

इसके बात चुनाव प्रचार ने कुछ जोर पकड़ा कि 3 फरवरी से बारिश और बर्फबारी ने प्रचार में बाधा डाल दी। अभी चार-पांच दिनों तक यह मुसीबत कम होने वाली नहीं है। बर्फबारी से जिले की भीमताल व नैनीताल विधानसभा में प्रत्याशियों की ज्यादा चुनौतियां बढ़ गई हैं।

दरअसल, बीते दो वर्ष से देश वैश्विक कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इसके चलते पांच राज्यों के प्रस्तावित चुनाव को लेकर खासा असमंजस बना हुआ था। हालांकि बाद में आयोग ने चुनाव कराने का फैसला लिया। इसके बाद 21 से 28 जनवरी तक नामांकन हुए। नामांकन के बाद प्रत्याशियों ने कोविड नियमों के तहत चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया। एक फरवरी से चुनाव प्रचार की आंशिक छूट के बाद मौसम ने मुश्किलें खड़ी कर दीं।

2 फरवरी की शाम से हुई कड़ाके की ठंड और बारिश के बाद 3 व 4 फरवरी को भारी बर्फबारी हुई। नैनीताल, मुक्तेश्वर, धारी, ओखलकांडा समेत इससे लगे क्षेत्र में हुई बर्फबारी ने पिछले 24 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा। नैनीताल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में डेढ़ फीट तो मुक्तेश्वर में ढाई से तीन फीट तक बर्फबारी हुई। ऐसे में बीते तीन दिन से चुनाव प्रचार काफी कम हो रहा है। बंद पड़े मोटर मार्गों से ग्रामीण इलाकों तक पहुंचना प्रत्याशियों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है।

बर्फबारी के चलते नैनीताल-भवाली, नैनीताल-किलबरी नैनीताल-कालाढूंगी, भीमताल विस क्षेत्र के धानाचूली-पहाड़पानी, पदमपुरी मार्ग, मुक्तेश्वर, ओखलकांडा समेत लगभग 8 से 10 ग्रामीण मार्ग बंद हैं। फिलहाल इन मार्गों को खुलने में दो से तीन दिन का समय लगने की उम्मीद है।

अधिक बर्फबारी होने से बिजली तथा संचार सेवाएं ठप हैं। इससे न तो प्रत्याशी मतदाता से संपर्क कर पा रहे हैं और न ही गांव के मुखिया मतदाताओं से संपर्क कर पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर किया जा रहा प्रचार भी संचार सेवा बाधित होने से कम हो गया है।

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