अब आयुष्मान कार्ड बनवाना हुआ आसान , घर बैठे इस तरह करें आवेदन

आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने के लिए अब वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब घर बैठे ऑनलाइन ही कार्ड बन जाएगा। इसके लिए सरकार ने पोर्टल लांच किया है।

इसी पोर्टल से अब कार्ड बनाया जा सकेगा। अभी वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय से कार्ड बनवाने में करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लगता है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर हफ्ते से दस दिन में बन जाएगा।

आयुष्मान भारत से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि लाभार्थियों को कार्ड बनाने के लिए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यहां जाकर अगर पहले से आवेदन किया हुआ कार्ड बन गया है तो वह डाउनलोड भी हो सकेगा।

इसके साथ नया कार्ड भी बनवा पाएंगे। बताया जाता है कि सरकार ने लोगों खासकर वृद्धजनों की सहूलियत के लिए कार्ड को ऑनलाइन कर दिया है। इस पोर्टल के जरिए लोग उनलोगों के नाम भी देख सकते हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। आयुष्मान कार्ड उनलोगों के बनाए जाएंगे, जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र हो या राशन कार्ड में नाम हो।

आयुष्मान कार्ड बनाने में सारण का सूबे में बहुत बढ़िया स्थान नहीं है। सारण में अधिक से अधिक लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अबतक लक्ष्य के अनुरूप आयुषमान कार्ड नहीं बने है।

जिलाधिकारी राजेश मीणा ने संबंधित पदाधिकारियों को हर हाल में लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया है ताकि सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। मालूम हो कि पूरे बिहार में पांच करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बने हैं।

जानकारी के मुताबिक, जिले में आयुष्मान कार्ड लोगों के घर-घर जाकर भी बनाया जा रहा है। एक एजेंसी को इसका काम दिया गया है। हमारा लक्ष्य गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनवाना है। कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए डोर टू डोर कार्ड बनवाने का अभियान शुरू किया है।

यह अभियान नवंबर से जिले में चल रहा है। बाहर से आए लोगों का इसके तहत कार्ड भी बनाया गया है। इस बार से कार्ड पर कोरोना और एईएस का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।

आयुष्मान भारत के तहत निजी लैब को जोड़ने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी रूपरेखा तैयार की जा रही है।

आयुष्मान भारत के तहत अभी जिले में कई अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस मिला है। निजी अस्पतालों में गरीबों का इलाज आसानी से हो रहा है उस इससे उनको काफी राहत भी मिल रही है कई गरीब तबके के लोगों ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मिले सुविधा के कारण ही उनकी जान बच सकी।

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