यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के इस नेता ने दाखिल किया नामांकन पत्र, जानिए पूरी खबर

यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा और पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने रविवार को अपना-अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।

राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि मतदान सोमवार को होगा। उल्लेखनीय है कि परंपरागत तौर पर मुख्य विपक्षी दल के विधायक को ही विधान सभा उपाध्यक्ष बनाया जाता रहा है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को समर्थन दिया है। नितिन अग्रवाल के पिता एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

दोनों उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र रविवार को विधान भवन में दाखिल किया। नितिन अग्रवाल द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अलावा नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे।

नितिन ने बताया कि मैंने चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किया है और जिन लोगों ने मेरा नाम प्रस्तावित किया है, उनमें राकेश सिंह (हरचंदपुर से कांग्रेस विधायक), अनिल सिंह (पुरवा से बहुजन समाज पार्टी विधायक), संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार, और विधायक राजपाल वर्मा शामिल हैं।

यूपी में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 वर्षों बाद हो रहा है। भाजपा के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था और उनका कार्यकाल मई 2007 तक था।

इसके बाद, विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ था। हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा कि विधानसभा का उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद वह संविधान के प्रावधानों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि औपचारिक रूप से भाजपा में उनका शामिल होना अभी बाकी है। वहीं, नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सपा के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र सिंह वर्मा ने पत्रकारों से कहा, मैं सपा का उम्मीदवार हूं और परंपरा के अनुसार विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल को मिलता है, इसलिए यह हमे मिलना चाहिए।

नितिन अग्रवाल के संबंध में उन्होंने कहा कि वह हमारे छोटे भाई हैं, वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सपा के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया।

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